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अमरावती व अकोला सहित 43 शहरों में दुपहिया सवारों के लिए अब हेल्मेट अनिवार्य

चालक के साथ ही पिछली सीट पर बैठने वालों को भी पहनना होगा हेल्मेट

* सडक हादसों में दुपहिया सवारों की मौतें रोकने लिया गया कडा निर्णय
अमरावती/दि.28 – राज्य के अमरावती व अकोला सहित 43 शहरों में अब दुपहिया चालकों सहित उनके साथ पिछली सीट पर बैठने वाले लोगों के लिए भी हेल्मेट का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है और बिना हेल्मेट पकडे जाने वाले दुपहिया चालकों व सहयात्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश अपर पुलिस महासंचालक (यातायात) अरविंद सालवे द्वारा जारी किया गया है. हालांकि इसे लेकर जारी पत्रक में आदेश पर अमल की निश्चित तारीख दर्ज नहीं की गई है.
उल्लेखनीय है कि, राज्य में विगत 5 वर्षों के दौरान घटित हुए सडक हादसों के दौरान के आंकडों को देखने पर पता चलता है कि, बिना हेल्मेट रहने वाले दुपहिया सवारों की सडक हादसों में मृत्यु होने व उनके घायल होने की संख्या लगातार बढ रही है. वहीं दूसरी ओर यातायात विभाग द्वारा मोटर वाहन अधिनियम 1988 कानून के प्रावधानानुसार बिना हेल्मेट दुपहिया चलाने वाले वाहन चालकों व सहयात्रियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती. ऐसे में स्थिति को नियंत्रित करने हेतु कोई प्रभावी व ठोस पहल ही नहीं हो पा रही. इस बात को ध्यान में रखते हुए अब अप्पर पुलिस महासंचालक अरविंद सालवे ने दुपहिया वाहनों पर बिना हेल्मेट रहने वाले चालकों व पिछली सीट पर बैठे सहयात्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है.

* राज्य के इन शहरों में लागू होगा हेल्मेट सख्ती का आदेश
अमरावती शहर, अमरावती ग्रामीण, अकोला, बुलढाणा, वाशिम, नागपुर शहर व ग्रामीण, चंद्रपुर, भंडारा, गडचिरोली, गोंदिया, वर्धा, जालना, बीड, धाराशिव, नांदेड, लातूर, परभणी, हिंगोली, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, अहिल्यानगर, धुलिया, जलगांव, नाशिक ग्रामीण, नंदूरबार, रत्नागिरी, सिंदुदुर्ग रायगड, ठाणे शहर, ठाणे ग्रामीण, मुंबई, नवी मुंबई, छ. संभाजी नगर व ग्रामीण, पुणे शहर व ग्रामीण, सोलापुर शहर व ग्रामीण, पिंपरी-चिंचवड, मीरा भाईंदर, वसई-वीरार इन क्षेत्रों में हेल्मेट सख्ती आदेश लागू होगा और इस आदेश पर कडाई के साथ अमल किया जाएगा.

* ई-चालान मशीन में किया जा रहा सुधार
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई करने के साथ ही मामले दर्ज किये जाते है. इस हेतु प्रयुक्त किये जाने वाली ई-चालान मशीन में बिना हेल्मेट दुपहिया चलाने वाले व्यक्ति सहित बिना हेल्मेट पिलीयन राइडर के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 व 194 (ड) के तहत कार्रवाई होने के चलते कार्रवाईयों को लेकर अलग-अलग जानकारी नहीं मिला करती थी. जिसके चलते अब ई-चालान मशीन में थोडा बदलाव किया जा रहा है. जिसके चलते अब बिना हेल्मेट दुपहिया चालक व बिना हेल्मेट पिलीयन राइडर ऐसे दो सदन शीर्ष अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है.

* 500 रुपए दंड व 3 माह हेतु लाईसेंस सस्पेंड
मोटर साइकिल चालक सहित दुपहिया की पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति के लिए हेल्मेट का प्रयोग करना मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 व 194 (ड) के तहत पूरी तरह से अनिवार्य है. साथ ही बिना हेल्मेट मोटर साइकिल चलाते पकडे जाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 500 रुपए के जुर्माने व 3 माह के लिए लाईसेंस निलंबित करने की सजा का प्रावधान है.

* राज्य में पिछले वर्ष 8797 दुपहिया सवारों की सडक हादसों में मौत
राज्य में वर्ष 2023 के दौरान अलग-अलग स्थानों पर घटित सडक हादसों में कुल 15434 लोगों की मौते हुई. जिसमें से 57 फीसद यानि 8797 मौतें दुपहिया व तिपहिया वाहनों पर सवार लोगों की रही. वर्ष 2022 में ऐसे मौतों का प्रमाण थोडा अधिक यानि 15784 था. ऐसे में सडक हादसों में बडे पैमाने पर होने वाली मौतों को देखते हुए अब यातायात पुलिस विभाग ने प्रतिबंधात्मक उपयों पर कडाई के साथ अमल करने का निर्णय लिया है.

* चुनाव निपटते ही आदेश के चलते नागरिकों में रोष
उल्लेखनीय है कि, विधानसभा चुनाव के निपटते ही हेल्मेट सक्ति को लेकर बेहद कडा आदेश जारी किया गया है. इससे पहले अब तक केवल बिना हेल्मेट रहने वाले दुपहिया चालकों पर ही कार्रवाई की जाती थी. वहीं अब दुपहिया की पिछली सीट पर सवार व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. जिसके लिए यातायात पुलिस द्वारा ई-चालान मशीन में आवश्यक बदलाव भी किया जा रहा है. इसे लेकर आम नागरिकों में काफी हद तक रोष व संताप की लहर देखी जा रही है और इस आदेश पर पुनर्विचार किये जाने की मांग भी उठाई जा रही है. कई नागरिकों का यह भी कहना है कि, अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को दुपहिया वाहनों पर बिठाकर स्कूल लाने-ले जाने का काम करते है. ऐसे समय अभिभावकों द्वारा तो हेल्मेट का प्रयोग किया जा सकता है. परंतु बच्चों को हेल्मेट कैसे पहनाया जाये और यदि पहनाया जाता भी है, तो बच्चों को स्कूल छोडने के बाद उनके हेल्मेट कहां रखे जाये. इसी तरह कई बार बीच रास्ते में किसी परिचित के मिल जाने पर दुपहिया चालकों द्वारा उसे लिफ्ट दे दी जाती है. ऐसे में किसी भी दुपहिया चालक के पास कोई अतिरिक्त हेल्मेट नहीं होता. साथ ही सडक से पैदल गुजर रहा व्यक्ति भी अपने साथ हेल्मेट लेकर नहीं चलता, ऐसे समय संभावित कार्रवाई की भय की वजह से लोगबाग जरुरत में रहने वाले अपने किसी परिचित को लिफ्ट देने से भी कतराएंगे. अत: ऐसी तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए सह यात्रियों पर भी हेल्मेट सख्ती का निर्णय लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.

* पहले जनजागृति करेंगे, फिर आदेश पर अमल
इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर अमरावती शहर की पुलिस उपायुक्त कल्पना बारवकर का कहना रहा कि, यह आदेश अदालत के निर्देश पर आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है, ताकि सडकों पर दुपहिया वाहन चालकों व दुपहिया सवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. चूंकि अमरावती में अब तक हेल्मेट संबंधित नियम पर कडाई से अमल नहीं हो रहा था. ऐसे में सबसे पहले अमरावती शहर के दुपहिया वाहन चालकों व आम नागरिकों के बीच हेल्मेट के प्रयोग को लेकर व्यापक स्तर पर जनजागृति की जाएगी और उसके बाद ही इस आदेश पर अमल करना शुरु किया जाएगा. अत: नागरिकों ने भी इस विषय के संदर्भ में अमरावती शहर पुलिस के साथ आवश्यक सहयोग करना चाहिए.

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