बोर की पिंकी को पकडने अमरावती रेस्क्यू दल की मदद
तीन दिन से चल रहा है वर्धा जिले के इस व्याघ्र प्रकल्प में अभियान
अमरावती/दि.16- देश के सबसे छोटे व्याघ्र प्रकल्प के रुप में बोर व्याघ्र प्रकल्प की पहचान हैं. इस प्रकल्प के कोअर क्षेत्र से बीटीआर-7 पिंकी नामक बाघिन को पिंजरे में कैद करने के लिए वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी पिछले तीन-चार दिनों से विशेष प्रयास कर रहे हैं. लेकिन अभी तक यह बाघिन रेस्क्यू दल के हाथ नहीं लग पाई हैं. अब इस रेस्क्यू में अमरावती वनविभाग के रेस्क्यू दल की सहायता ली गई हैं. यहां से तीन अधिकारियों का दल इस कोअर क्षेत्र में नागपुर वनविभाग के रेस्क्यू दल के साथ शामिल होकर ‘पिंकी’ को पिंजरे में कैद करने में जुट गया हैं.
जानकारी के मुताबिक वर्धा जिले के इस बोर व्याघ्र प्रकल्प में 10 से अधिक बाघ हैं. जिसमें प्रौढ बाघों में बीटीआर-8 युवराज नामक बाघ का समावेश हैं. बीटीआर-8 युवराज नामक यह बाघ बोर व्याघ्र प्रकल्प की रानी बीटीआर-3 कैटरीना नामक बाघिन का बेटा है तथा बीटीआर-7 पिंकी नामक बाघिन यह युवराज की बहन हैं. बीटीआर-7 पिंकी ने इस कोअर जोन में रहते काफी आतंक मचा रखा हैं. उसने अब तक 6 से 7 लोगों का शिकार किया हैं. इस कारण इस बाघिन को पिंजरे में कैद करने के प्रयास वनविभाग के रेस्क्यू दल व्दारा किए जा रहे हैं. इसके लिए वर्धा व नागपुर रेस्क्यू दल के 50 से 60 अधिकारी व कर्मचारी पिछले कुछ दिनों से बोर व्याघ्र प्रकल्प में जुटे हुए हैं. अब तक बाघिन पिंकी का पता न चलने से अमरावती के रेस्क्यू दल को भी बुलाया गया हैं. अमरावती से रेस्क्यू दल के तीन सदस्य बोर व्याघ्र प्रकल्प पहुंच गए है और बांगरा कोअर क्षेत्र में वह पिंकी की तलाश में हैं. इस दल में वनपाल गावनेर, मनघटे व अन्य एक अधिकारी का समावेश हैं. इन वन अधिकारियोें का कहना था कि, बीटीआर-7 बाघिन जल्द ही पिंजरे में कैद होगी.