अमरावतीमहाराष्ट्र

ध्वज निधि संकलित करने में मुक्त हाथों से मदद करें

जिलाधिकारी सौरभ कटियार ने किया आवाहन

* ध्वजदिन निधि संकलन का शुभारंभ
अमरावती /दि.19– अपने राज्य की वीरता की परंपरा रही है. देश की सीमा पर लढते हुए राज्य के अनेक जवान शहीद हुए है. अमरावती जिले के 10 जवान भी लढते हुए शहीद हुए है. मुझे प्रशिक्षण के दौरान सैनिकों के साथ रहने का अवसर मिला. उस समय सैनिकों को किन परिस्थितियों का सामना करना पडता है, इसका मुझे अनुभव है. शहीद सैनिकों के परिवार का जीवन सुखद हो इसलिए कल्याणकारी निधि से योजना चलाई जाती है. इसलिए ध्वजदिन निधि संकलित की जाती है. जिसमें अधिक से अधिक ध्वजनिधि संकलित करने में प्रत्येक को मुक्त हाथों से सहायता करनी चाहिए. यही शहीद जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, ऐसा आव्हान जिलाधिकारी सौरभ कटियार ने किया. वे जिलाधिकारी कार्यालय में जिले का सशस्त्र सेना ध्वजदिन निधि संकलन शुभारंभ व पूर्व सैनिक सम्मेलन के अवसर पर बोल रहे थे.
इस अवसर पर सेना के मेजर कर्नल अक्षय भगत, इसीएसएच पॉलिटेक्निक ऑफ सर इंचार्ज कर्नल आर.डी. गौर, शिवाजी शिक्षण संस्था सचिव विजय ठाकरे, कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले, कर्नल लक्ष्मण गाले व सेना मेजर (निवृत्त) जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर आनंद, शरद पाथरकर आदि उपस्थित थे. जिलाधिकारी कटियार ने आगे कहा कि, पिछले साल अमरावती जिले को दिया गया 1 करोड 10 लाख रुपए का ध्वजनिधि का टार्गेट समय से पूर्व ही पूर्ण हुआ. 1 करोड 38 लाख की निधि संकलित कर 126.18 प्रतिशत निधि संकलन करने का काम पूर्ण किया गया था. इसके लिए उन्होंने जिले के नागरिक, शासकीय, अर्ध शासकीय कार्यालयों के अधिकारी, महाविद्यालय, शाला के मुख्याध्यापक, शिक्षक तथा कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया. साथ ही इस वर्ष शासन द्वारा दिया गया लक्ष्य समय से पूर्व ही शत-प्रतिशत पूर्ण करने का आव्हान किया.
कार्यक्रम के दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी आनंद पाथरकर तथा जिलाधिकारी सौरभ कटियार व उपस्थित मान्यवरों को ध्वज लगाकर सशस्त्र सेना ध्वजदिन 2024 की निधि संकलन का शुभारंभ किया गया. इस समय संगीत शिक्षिका प्रा. स्नेहाशिस दास व विद्यार्थियों ने राष्ट्रगीत तथा महाराष्ट्र गीत की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर पाथरकर ने अपनी प्रस्तावना में ध्वजदिन मनाने की भूमिका और सैनिक कल्याण कार्यालय की कार्यशैली के संदर्भ में उपस्थितों को जानकारी दी. कार्यक्रम में शहीद सैनिकों की वीर पत्नीया व वीर माताओं को शाल-श्रीफल व भेंटवस्तू प्रदान कर सम्मानित किया गया. उसी प्रकार कक्षा 10 वीं व 12 वीं में गुणवत्ता प्राप्त पूर्व सैनिकों के बच्चों को संचालक, सैनिक कल्याण विभाग पुणे से प्राप्त प्रशस्तिपत्र, धनादेश, सन्मानचिन्ह व शाल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में कर्नल अक्षय भगत, कर्नल लक्ष्मण गाले ने वीर पत्नी, वीर माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की. कार्यक्रम का संचालन वैभव निमकर तथा आभार सैनिक लडकियों के छात्रावास की अधीक्षक सुरेखा पातोंड ने माना. इस समय जिले के पूर्व सैनिक, वीर माता, वीर पिता, वीर पत्नी, शासकीय अधिकारी व कर्मचारी तथा नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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