पैदावार बढाने किसानों को सहायता
वीसीए अध्यक्ष भावेश शाह, सचिव इरफान खोजे का कहना
* अमरावती मंडल से विशेष बातचीत
* शासन, प्रशासन को भी करेंगे प्रेरित
* किसान रहेंगे तो कपास रहेगा और इंडस्ट्री
अमरावती/दि.28 – विदर्भ के किसानों ने कपास को सदियों से अपना रखा है. इसलिए यहां के किसानों को कपास का उत्पादन बढाने के लिए प्रेरित करने के साथ उसकी हर संभव सहायता शासन, प्रशासन और विदर्भ कॉटन असो. के लेवल पर हम करेंगे. आखिर किसान रहेंगे तो कपास का उत्पादन होगा और हमारी जीनर्स, मिलर्स इंडस्ट्री गतिमान होगी. यह कहना रहा वीसीए अध्यक्ष भावेश शाह एवं सचिव इरफान खोजे का . वे होटल प्राइम पार्क में अमरावती मंडल से विशेष बातचीत कर रहे थे. वीसीए ने आज यहां एक दिवसीय मीट का आयोजन किया है. इसी सिलसिले में शाह और खोजे अमरावती पधारे. उनसे संगठन से लेकर शासन, प्रशासन से आते चैलेंजेस व क्षेत्र के किसानों के भलाई के बारे में उठाए जाते कदमों पर चर्चा की गई.
* प्रशासन को करेेंगे प्रेरित
अध्यक्ष भावेश शाह ने कहा कि क्षेत्र में किसानों की दुर्दशा से सभी चिंतित है. उनकी दशा सुधरने का सभी को विचार है. वीसीए इस दिशा में निश्चित ही प्रभावी कार्य हेतु तत्पर रहेगा. आखिर कपास उत्पादकों पर ही हमारी इंडस्ट्री आधारित है. हम प्रशासन के कृषि महकमे को अ अधिकाधिक पैदावार लेने संबंधी कार्यक्रम, कैम्प, सेमिनार और उसमें कपास उत्पादक किसानों की अधिकाधिक सहभागिता पर बल देंगे. प्रशासन को प्रेरित करेंगे कि वे केवल सडक किनारे, आसानी से उपलब्ध खेती की बजाय अंदर की खेतीबाडी वाले किसानों से भी बात करें. उनकी दिक्कतों को सुने. उन्हें हल करने का प्रयत्न करें.
* उत्पादन में बडा फर्क
सचिव इरफान खोजेे ने आंकडे देते हुए बताया कि कपास की पैदावार में हम ग्लोबल लीडर ब्राजील और चीन से काफी पीछे है. ब्राजील में प्रति हेक्टेयर 1800 किलो अच्छी क्वालिटी का कपास पैदा हो रहा है. हमारे यहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन महज 450 किलो है. देश की कपास उत्पादन की स्थिति देखते हुए डर है कि निकट भविष्य में कहीं आयात न करना पड जाए. अभी तो भारत कपास का निर्यातक है.
* तकनीक और गुणवत्तापूर्ण बीज
खुद कलमेश्वर में खेतीबाडी और जिनिंग फैक्टरी के संचालक भावेश शाह ने कहा कि पैदावार बढाने के वास्ते तकनीक और अच्छी क्वालिटी के बीज की उपलब्धता सरकार को सुनिश्चित करनी होगी. शाह ने दावा किया कि उत्पादन बढने से हमारे किसान नैराश्य से बाहर आयेंगे. उन्होंने कहा कि कपास की क्वालिटी दाम भी अच्छे दिलायेगी. किसानों की आर्थिक दशा सुधरेगी. फलस्वरूप आत्महत्या का विचार भी दूर- दूर तक नहीं रहेगा. भावेश शाह ने प्रश्न के उत्तर में कहा कि अभीे कृषि महकमा यह अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र होने के बावजूद खेती किसानी के सर्वे और सभी प्रकार के काम में भयंकर कोताही बरतता है. इसी का खामियाजा खेती किसानी और व्यवस्था भुगतती है.
* खेत की मेड पर मार्गदर्शन
अध्यक्ष भावेश शाह ने बताया कि विदर्भ में कपास उत्पादन बढाने पर हम सभी का जोर है. उसके लिए सभी प्रकार के आवश्यक कदम उठाए जायेंगे. अब अगले वर्ष से किसानों के लिए सेमिनार, शिविर की शुरूआत होगी. खेत की मेड पर जाकर उन्हें मार्गदर्शन करने के साथ बेहतर गुणवत्ता के बीज एवं पैदावार बढाने तकनीक मुहैया की जायेगी.
* 68 लाख गांठों का उत्पादन
सचिव इरफान खोजे ने विदर्भ में असो. के 401 मेंबर्स के यूनिट में 68 लाख 28 हजार से अधिक कपास गांठों का उत्पादन किए जाने की जानकारी दी. बताया कि यह आंकडा महाराष्ट्र का 60 प्रतिशत और देश का 20 प्रतिशत है. खोजे के अनुसार गांठ की संख्या बढाने का कारण ब्रांडिंग और उच्च गुणवत्ता है. गुणवत्तापूर्ण कपास के लिए देश में विदर्भ अग्रणी है.
* संगठन का विवरण
अध्यक्ष भावेश शाह ने संगठन का ब्यौरा देते हुए बताया कि 324 सदस्य होने के साथ 400 से अधिक मेंबर्स हैं. बीआईएस के विरोध को लेकर संगठन स्थापित हुआ. आज आगे कदम बढा रहा है. निश्चित ही इस क्षेत्र में भी काफी कुछ करना है. बडी संभावनाएं है. शाह ने दावा किया कि वीसीए में सभी सभासदों ने सदैव जोरदार प्रतिसाद दिया है. इसीलिए संंगठन ने परिवार जैसा वातावरण है. आज की विदर्भ लेवल मीट के लिए अल्पावधि में निर्णय और अनुपालन किया गया. वीसीए में कोई भी कार्य बोर्ड मेंबर्स तय करते हैं.
* ब्राजील 1850, अमरावती 450
असो. के सचिव खोजे ने कपास की पैदावार बढाने पर बारंबार जोर दिया. इसके लिए खेतीबाडी की नई तकनीक और शोध को अपनाने का आवाहन किया. खोजे ने बताया कि ब्राजील कपास का बडा उत्पादक देश इसलिए है कि वहां प्रति हेक्टेयर 1850 किलो कपास की पैदावार हो रही है. हम विदर्भ में केवल 450 किलो उत्पादन ले पा रहे है. सरकार से वे अनुरोध करते है कि नये बीज उपलब्ध करवाए. ताकि पैदावार बढे और यहां का कृषक खुशहाल हो.
* संगठन बजा सकता किसी के भी बारह
संगठन में शक्ति होने का जिक्र कर वीसीए पदाधिकारियों ने कहा कि बीआईएस की चुनौती स्थगित करने के बाद अब आगे के चैलेंजेस पर संगठन ने ध्यान दिया है. संगठन को घडी की सुईयोें की उपमा देते हुए कहा कि छोटी और बडी तथा और बडी सुईयां अलग- अलग गति से चलती है. किंतु किसी के बारह बजाने है तो एक हो जाते हैं.
* गडकरी, कराड से किए अनुरोध
विदर्भ के कपास उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए बीआईएस पर रोक लगवाने वीसीए ने केन्द्रीय मंत्री भागवत कराड, नितिन गडकरी से गुहार लगाई थी्. उसी प्रकार आरसीएम (रिवर्स चार्ज मैनेजमेंट) के साथ एसजीएसटी और अन्य मदों में ब्लॉक हो रही मनी के विषय में भी गडकरी और अन्य नेताओं से असोसिएशन चर्चा कर रहा है.