अमरावतीमहाराष्ट्र

झेनिथ अस्पताल में हेमोपरफ्यूज़न प्रक्रिया सफल

अमरावती में पहली बार

* डॉ. स्वप्नील मोलके और उनकी टीम की सफलता
अमरावती /दि. 6– झेनिथ अस्पताल ने एक और चिकित्सा सफलता हासिल करते हुए पहली बार हेमोपरफ्यूज़न प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. यह सफलता अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. स्वप्नील मोलके और उनकी टीम की कुशलता का परिणाम है. 35 वर्षीय महिला को उनके परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया, जो अर्धचेतन अवस्था में थी. अस्पताल में भर्ती के समय उनकी स्थिति अत्यंत गंभीर थी.
* मरीज की स्थिति
परीक्षण के दौरान, महिला का ग्लासगो कोमा स्कोर (जीसीएस) ए-2 एम-5 वी-2 पाया गया. उनकी हृदयगति 130 प्रति मिनट और रक्तचाप 100/60 मिमी एचजी था. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, महिला ने 25 मिग्रा की 60 टैबलेट (टैबलेट का नाम गुप्त रखा गया है) का सेवन एकसाथ किया था, जो कुल 1500 मिग्रा की घातक खुराक थी, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ गई.
* तत्काल उपचार
मरीज को तुरंत गैस्ट्रिक लैवेज और चारकोल दिया गया. ईसीजी रिपोर्ट में क्यूटी अंतराल की लंबाई और नॉन सस्टेन्ड वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (एनएसवीटी) रन दिखा. इसके अलावा, एबीजी रिपोर्ट ने मेटाबोलिक एसिडोसिस का संकेत दिया. जिसे बाइकार्बोनेट से ठीक किया गया.
* हेमोपरफ्यूज़न क्या है?
हेमोपरफ्यूज़न एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें मरीज के खून को शरीर से निकालकर एक कार्ट्रिज से गुजारा जाता है. इस कार्ट्रिज में ऐसे पदार्थ होते हैं, जो खून से टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) को सोख लेते हैं. इसके बाद साफ खून को फिर से मरीज के शरीर में वापस डाल दिया जाता है. यह प्रक्रिया गंभीर ज़हरखुरानी (पोइजनिंग) या दवाओं की अधिक खुराक लेने के मामलों में की जाती है.श
* हेमोपरफ्यूज़न का निर्णय
मरीज की खराब सामान्य स्थिति (जीसी) और लंबे क्यूटी अंतराल को देखते हुए, डॉ. स्वप्नील मोलके ने हेमोपरफ्यूज़न प्रक्रिया करने का निर्णय लिया. परिजनों से सहमति लेने के बाद, एचए-230 कार्ट्रिज का उपयोग करके 6 घंटे तक हेमोपरफ्यूज़न किया गया.
* सफलता और सुधार
अगले दिन, मरीज की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ. उनकी जीसीएस सामान्य हो गई और टैचीकार्डिया भी नियंत्रित हो गया. दो दिनों बाद, मरीज को स्थिर अवस्था में कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया और पांचवें दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

* डॉक्टरों का योगदान
यह अत्याधुनिक प्रक्रिया झेनिथ अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. स्वप्नील मोलके और आईसीयू इंचार्ज डॉ. स्वप्नील रूद्राकर की देखरेख में सफलतापूर्वक की गई. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नीरज राघानी ने कहा, यह हमारी टीम और मरीज के परिवार के लिए गर्व का क्षण है. हम भविष्य में भी इसी प्रकार की जटिल प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक करते रहेंगे.

* अमरावती के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
हेमोपरफ्यूज़न प्रक्रिया को अंजाम देकर झेनिथ अस्पताल ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है. यह न केवल अस्पताल की चिकित्सा क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि इस क्षेत्र के मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का भरोसा भी बढ़ाता है. झेनिथ अस्पताल की यह उपलब्धि इसे चिकित्सा के क्षेत्र में और ऊंचाई पर ले जाने में सहायक साबित होगी.

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