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सीएस ने दर्ज करायी थी शिकायत
अमरावती/दि.17 – बीते तीन वर्ष पहले स्थानीय डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मृति मेडिकल कालेज के एनआयएसयू कक्ष में चार नवजात को गलत तरीके से उपचार किये जाने के चलते उनकी मौत हो गयी थी. जिसके बाद उस कक्ष के जिम्मेदार डॉ. भूषण कट्टा पर हत्या का आरोप लगाते हुए सिविल सर्जन द्वारा दी गई शिकायत में गाडगे नगर थाने में अपराध दर्ज किया गया था. इस मामले में हाईकोर्ट ने डॉ. भूषण कट्टा को निर्दोष बरी किया है.
जानकारी के अनुसार मई 2018 में प्रसूति के पश्चात चार नवजात की हालात नाजुक रहने से उन्हें एनआयएसयू के कक्ष में रखा गया था. परंतू वहां पर देखरेख के लिए मौजूद नर्स द्वारा उन नवजात को गलत इंजेक्शन दिया गया. जिससे उन चारों नवजात की मौत हो गयी थी. पश्चात इस सनसनी ने चारों ओर हडकंप मचा रखा था. तत्कालीन सिविल सर्जन की शिकायत पर डॉ. कट्टा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया.
अपराध रद्द करने हेतु डॉ. कट्टा द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया कि 28 व 29 मई की सुबह पीडीएमसी में चार बच्चों को गलत इंजेक्शन देने से उनकी मौत हो चुकी थी. उस समय डॉ. कट्टा पीडीएमसी में निवासी डॉक्टर के रूप में कार्यरत थे. इस समय डॉ. कट्टा की ओर से बताया गया कि उनके खिलाफ धारा 304, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है. जबकि लगाए गए आरोप के तहत किसी भी तरह के सबूत स्पष्ट नहीं होते. जिस समय इंजेक्शन लगाया गया और उन नवजात की मृत्यु हुई. उस समय डॉ. कट्टा मौजूद नहीं थे. जिसे लेकर अदालत ने डॉ. कट्टा को निर्दोष बरी किया है.