अमरावती

सांसद राणा से हाईकोर्ट ने मांगे जाति प्रमाणपत्र के मूल दस्तावेज

जाति वैधता व निर्वाचन को दी गई है चुनौती

नागपुर प्रतिनिधि/दि.११ – अमरावती की सांसद नवनीत राणा द्वारा मोची जाति के प्रमाणपत्र हेतु जाति प्रमाणपत्र समिति के पास पेश किये गये मूल दस्तावेजों को अदालत में पेश किया जाये, ऐसा आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा दिया गया है.
बता दें कि, सांसद नवनीत राणा के निर्वाचन को चुनौती देनेवाली याचिका पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल तथा सुनील भालेराव हाईकोर्ट में दायर की गई है. जिस पर न्या. झेड. ए. हक की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं के मुताबिक नवनीत राणा द्वारा अपने नामांकन आवेदन के साथ पेश किये गये शपथपत्र एवं अनुसूचित जमाति से वास्ता रहनेवाला प्रमाणपत्र पूरी तरह से फर्जी है और उन्होंने प्रमाणपत्र समिती के सामने भी इस संदर्भ में झूठा दावा किया था. सांसद नवनीत राणा ने अपने निर्वाचन को चुनौती देनेवाली दोनों याचिकाओं पर आक्षेप लिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, उनके जाति प्रमाणपत्र को लेकर स्वतंत्र तौर पर आक्षेप लिया जा सकता है, किंतु निर्वाचन याचिका के दौरान जाति प्रमाणपत्र को आवाहन नहीं दिया जा सकता, लेकिन सांसद राणा द्वारा दर्ज किये गये आक्षेप को न्यायालय की ओर से पहले ही खारिज कर दिया गया है. वहीं अब याचिका कर्ताओं द्वारा मांग की गई है, कि नवनीत राणा द्वारा जाति वैधता पडताल समिती के समक्ष दाखिल किये गये मूल दस्तावेजों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाये. इस निवेदन को उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए कहा गया कि, सांसद राणा ने खुद के मोची जाति से रहने का दावा करते हुए जाति वैधता जांच समिती के समक्ष जो मूल दस्तावेज पेश किये थे, उन सभी मूल दस्तावेजों को अगली सुनवाई तक अदालत में पेश किया जाये. इस सुनवाई के दौरान अडसूल व भालेराव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एड. प्रमोद पाटील, एड. सचिन थोरात, एड. राघव कविमंडन तथा सांसद राणा की ओर से एड. जिया काजी ने पैरवी की.

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