पूर्व पार्षद वसीम करोड़पति को हाईकोर्ट ने दी राहत
पुलिस को बिना अनुमति चार्जशीट पेश नहीं करने के निर्देश
* चार्जशीट हेतु अनुमति मिलने तक जांच जारी रख सकती है पुलिस
अमरावती/दि.8– शहर पुलिस आयुक्तालय के सीपी स्क्वॉड द्वारा पिछले दिनों जमील कॉलोनी में रनिंग वरली पर छापमार कार्रवाई की गई थी. यहां पकड़े जाने पर दर्ज की गई एफआईआर को पूर्व नगरसेवक वसीम करोड़पति ने मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी. इसी याचिका पर न्यायमूर्ति विनय जोशी व न्यायमूर्ति एमडब्ल्यू चांदवानी की पीठ ने पुलिस को कोर्ट की परमिशन के बगैर इस मामले में चार्जशीट पेश नहीं करने के आदेश दिए. साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस को जांच जारी रखने को कहा है. इस खंडपीठ ने पुलिस को 6 सप्ताह का समय दिया है.
याचिकाकर्ता वसीम करोड़पति की ओर से उनके वकील एड. पंकज नवलानी ने खंडपीठ को बताया कि उनके मुवकिल को उनके खिलाफ नागपुरी गेट थाने में दर्ज महाराष्ट्र जुगार एक्ट के तहत की गई एफआईआर मान्य नहीं है. क्योंकि एफआईआर में धारा 4 व 5 के तथ्य उजागर नहीं होते. यह भी तर्क दिया कि कार्रवाई में खेल का नाम नहीं दिया गया है. केवल ताश के पत्तों के साथ कौशल का खेल खेलना जुआ नहीं माना जाता. गजेंद्र शिवप्रसाद केडिया पर वर्ष 2017 में दर्ज इसी के एक मामले का भी हवाला हाईकोर्ट में दिया गया. जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि पुलिस को वसीम करोड़पति के मामले में जांच जारी रखने के साथ ही न्यायालय की अनुमति प्राप्त किए बिना आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल नहीं कर सकती. इस युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस को अदालत की अनुमति बिना इस मामले में चार्जशीट पेश नहीं करने के आदेश दिए. साथ ही जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए अपना जवाब पेश करने हेतु 6 सप्ताह का समय दिया.