दलित वस्ती निधि में गडबडी को लेकर हाईकोर्ट गंभीर
अमरावती /दि.31– राज्य में महानगरपालिका नगर परिषद व नगर पंचायत द्वारा बृहद प्रारुप मंजूर न करते हुए अन्नाभाउ साठे नागरी दलित वस्ती निधि में गडबडी होने की बात मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर एक याचिका के जरिए उजागर हुआ है. इस मामले में मानव अधिकार आयोग द्वारा टालमटोल किये जाने के चलते दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश हाईकोर्ट द्वारा जारी किया गया है. जिसके चलते मानवाधिकार आयोग ने अमरावती के संभागीय राजस्व आयुक्त, जिलाधीश व मनपा आयुक्त को आगामी 12 फरवरी को होने वाली सुनवाई के समय उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
जानकारी के मुताबिक मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता किशोर मोहोड ने अन्नाभाउ साठे नागरी दलित वस्ती निधि में गडबडी होने को लेकर एक याचिका दायर की है. जिसमें तमाम सबूतों के साथ अदालत के समक्ष दावा किया गया है कि, अचलपुर नगर परिषद में सन 2010 से 2019 की कालावधि के दौरान मुख्याधिकारी ने प्रायोगिक तत्व पर आयी निधि में से 47 करोड 40 लाख रुपयों की निधि का स्थायी तौर पर दुरुपयोग किया. साथ ही इस मामले में मानवाधिकार आयोग से इंसाफ मांगे जाने पर आयोग ने भी टालमटोल की.
इस पूरे मामले की जांच पडताल करते हुए हाईकोर्ट के न्या. नितिन सांबरे व न्या. वृशाली जोशी ने विगत 16 दिसंबर 2024 को हुई सुनवाई के दौरान मानवाधिकार आयोग को कडी फटकार लगाकर मामले में दोषी रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई निश्चित करने का आदेश जारी किया. जिसके चलते मानवाधिकार आयोग के संजय कुमार ने विगत 21 जनवरी को नोटीस जारी कर अमरावती के संभागीय आयुक्त, जिलाधीश व मनपा आयुक्त को 12 फरवरी 2025 को होने वाली सुनवाई हेतु उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
* 12 फरवरी को होने वाली सुनवाई पर टिकी निगाहे
दलित वस्ती निधि में हुई गडबडी को लेकर प्रशासन द्वारा अब तक कौन सी कार्रवाई की गई. इसकी जानकारी मानवाधिकार आयोग द्वारा आगामी 12 फरवरी को सुनवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों से प्राप्त की जाएगी. जिसके बाद ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई निश्चित की जाएगी, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है.
* 47.48 करोड रुपयों का दुरुपयोग
अकेले अचलपुर नगर परिषद द्वारा 47 करोड 48 लाख रुपयों की निधि का दुरुपयोग दलित वस्ती योजना के अलावा अन्य कामों पर खर्च किये जाने की शिकायत किशोर मोहोड ने 27 जनवरी 2025 को जिलाधीश के नाम जारी पत्र में की है.
इस पत्र में किशोर मोहोड ने यह दावा भी किया है कि, अन्नाभाउ साठे नागरी दलित वस्ती निधि को लेकर अचलपुर नगर परिषद में हुई गडबडी महज एक उदाहरण है तथा ऐसी ही गडबडियां समूचे राज्य की स्थानीय स्वायत्त निकायों में भी हो रही है. अत: उसकी ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.