अमरावतीमहाराष्ट्र

दवाओ की कालाबाजारी मामले में हाईकोर्ट ने जारी की नोटीस

डीसीपी व आर्थिक अपराध शाखा को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश

अमरावती /दि.12– शहर के दवा कारोबारी नरेंद्रसिंह अरोरा की फार्मास्यूटीकल फर्म में काम करने वाले दो लोगों द्वारा गैर कानूनी तरीके से दवाओं की कालाबाजारी करते हुए करोडों रुपयों का घोटाला करने के साथ ही नरेंद्रसिंह अरोरा के साथ धोखाधडी करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने अमरावती के शहर पुलिस उपायुक्त व आर्थिक अपराध शाखा को इस मामले में शपथ पत्र दाखिल करते हुए अपना जवाब पेश करने की नोटीस जारी की है. इस मामले को लेकर खुद फिर्यादी नरेंद्रसिंह अरोरा द्वारा ही नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.
इस मामले की हकीकत इस प्रकार है कि, याचिकाकर्ता ने सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन अमरावती में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके आधार पर दो आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 406, 420, 467, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. आरोपी संजय इंगले और गणेश पवार पर यह आरोप थे कि, याचिकाकर्ता की फार्मासिटीकल फर्म में कार्यरत रहते हुए दोनों आरोपियों ने गैरकानूनी तरीके से दवाईयों की कालाबाजारी करते हुए करोडों रुपयों का घोटाला किया था. रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों पर यह भी आरोप था कि, उन्होंने गैरकानूनी तरीके से जाली बिल बनाकर याचिकाकर्ता के साथ धोखाधडी की थी. आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराध शाखा अमरावती के द्वारा मामले की जांच की गई थी. उसके पश्चात दोनों आरोपियों के खिलाफ उपरोक्त धारा के अंतर्गत न्यायालय में चार्जशीट दर्ज की गई थी. फिर्यादी ने जब चार्जशीट का निरीक्षण किया, तब ऐसा ज्ञात हुआ कि, मामले की जांच पुलिस द्वारा सही तरीके से नहीं की गई और जांच में बहुत सारी खामियां भी थी, जिसका फायदा आरोपियों को मिल सकता था. याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता परवेज मिर्जा द्वारा याचिका दाखल की. जिसमें पूरे मामले की दूसरी जांच एजेंसी द्वारा नये सिरे से जांच करने की मांग की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि, आर्थिक अपराध शाखा अमरावती ने जांच के दौरान कई अहम मुद्दों को अनदेखा किया और इसी तरह जांच के दौरान बहुत सारे अहम सबूतों को इकठ्ठा नहीं किया. जिस कारणवश फिर्यादी की केस कमजोर पड रही है.
याचिकाकर्ता ने मामले की दूसरी जांच एजेंसी द्वारा नये सिरे से जांच करने की मांग की. सुनवाई के पश्चात नागपुर हाईकोर्ट में डीसीपी ने आर्थिक अपराध शाखा अमरावती व पुलिस कमिश्नर अमरावती को मामले में शपथ पत्र दाखल करने के आदेश दिये. याचिकाकर्ता की ओर से एड. परवेज मिर्जा ने पैरवी की.

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