तत्कालीन आयुक्त सहित सहायक आयुक्त को हाईकोर्ट की नोटीस
नागरी कृति समिति ने दायर की थी याचिका
अमरावती/दि.14 – मनपा में किए गए आंदोलन को लेकर दर्ज किए गए अपराधिक मामलों को रद्द क्यों न किया जाए. इस आशय का सवाल पूछते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने मनपा के तत्कालीन आयुक्त प्रवीण आष्टीकर व सामान्य प्रशासन विभाग की सहायता आयुक्त लीना अकोलकर को नाटीस जारी की है. साथ ही इस नोटीस पर जवाब देने हेतु आगामी 1 अगस्त को अदालत ने व्यक्तिगत तौर पर हाजिर रहने के लिए भी कहा गया है.
बता दें कि, तत्कालीन आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर के खिलाफ कामकाज में गडबडी व अनियमितता करने का आरोप लगाते हुए नागरी कृति समिति के पदाधिकारियों ने 20 फरवरी 2023 को मनपा में आंदोलन किया था. जिसे लेकर सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के आरोप के तहत सिटी कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए नागरी कृति समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद तत्कालीन आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर व सहायक आयुक्त (जीएडी) लीना अकोलकर के नाम नोटीस जारी करते हुए उन्हें 1 अगस्त को अदालत में उपस्थित रहकर अपना जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. नागरी कृति समिति द्बारा अपनी याचिका में कहा गया है कि, आंदोलन के दौरान घटित हुई घटनाओं का पुलिस ने कोई पंचनामा नहीं किया था. ऐसे में यह पूरा मामला संदेहास्पद है. अत: नागरी कृति समिति के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले को रद्द किया जाए.