अमरावती

नराधमी राजू बिरहा की फांसी का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

नारियल काटने के सत्तूर से तीन दोस्तों को उतारा था मौत के घाट

नागपुर/दि.7 चाय व पानटपरी की जगह को लेकर हुए विवाद की वजह से अपने तीन दोस्तों की नारियल काटने वाले सत्तूर से निर्ममतापूर्वक हत्या करनेवाले राजू छन्नूलाल बिरहा (55) नामक नराधमी को सत्र न्यायालय व्दारा सुनाई गई फांसी की सजा पर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ व्दारा मुहर लगाया जाना आवश्यक है. जिसके चलते अब इस मामले को उच्च न्यायालय के समक्ष रखा गया है. गत रोज हाईकोर्ट के न्या. विनय जोशी व न्या. वाल्मिकी मेनेजेस की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस मुकदमे पर आगामी 19 जून को अंतिम सुनवाई करने की बात कही.
बता दें कि सत्र न्यायालय के न्या. पी. वाय. लाडेकर ने 28 दिसंबर 2022 को अपना फैसला सुनाते हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपी राजू बिरहा को दोषी करार दिया था तथा उसे फांसी की सजा सुनाई थी. इसके पश्चात फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 366 के अनुसार इस सजा पर अमल करने हेतु सत्र न्यायालय के फैसले पर उच्च न्यायालय की मुहर लगना आवश्यक है. वहीं सजा के खिलाफ राजू बिरहा ने भी हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. ऐसे में सत्र न्यायालय व्दारा फांसी की सजा पर मुहर हेतु भेजे गए संदर्भ पत्र तथा सजा प्राप्त राजू बिरहा की अपील पर हाईकोर्ट व्दारा एकत्रित तरीके से अंतिम सुनवाई की जाएगी.
ज्ञात रहे कि यह सनसनीखेज हत्याकांड 17 नवंबर 2015 को सुबह 10 बजे हिंगणा तहसील अंतर्गत वाघदरा परिसर में गठित हुआ था. जिसमें राजू बिरहा ने बेहद क्रूर व अमानवीय तरीके से सुनील हेमराज कोटांगले (31) आशीष उर्फ गोलू लहभान गायकवाड (26) तथा कैलाश नारायण बहादुरे (32) को मौत के घाट उतार दिया था. जानकारी के मुताबिक राजू बिरहा और सुनील कोटांगले व्दारा वृदांवन सिटी गृह प्रकल्प के सामने चाय व पानटपरी चलाया करते थे और दोनों के बीच चाय व पानटपरी लगाने के जगह को लेकर विवाद हुआ था. ऐसे में दोनों के बीच चल रहे झगडे को छुडाने के लिए आशीष गायकवाड व कैलाश बहादुरे ने बीचबचाव करने का प्रयास किया. तो राजू बिरहा ने नारियल काटने के सत्तूर से सबसे पहले बहादुरे पर हमला किया. जिसे बचाने के लिए आगे आए कोटांगले पर राजू बिरहा ने सत्तूर से सपासप वार करने शुरु किए. इस समय राजू बिरहा के सिर पर एक तरह से शैतान सवार था और उसने कोटांगले के पेट, गले व सिर पर सत्तूर से एक के बाद एक कई घाव करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया. इस समय सुनील कोटांगले की अपनी आंखों के सामने हत्या होते देख कैलाश बहादुरे व आशीष गायकवाड बुरी तरह से घबरा गए और घायल रहने के बावजूद संदेश सिटी रास्ते की ओर भागने लगे. ऐसे में राजू बिरहा ने उन दोनों का पीछा करते हुए सबसे पहले कैलाश बहादुरे को पकडा और उसकी निर्ममतापूर्वक हत्या की. इस समय तक काफी दूर तक भाग चुके आशीष गायकवाड को राजू बिरहा ने दुपहिया से पीछा करते हुए पकडा और उसे भी सत्तूर से सपासप वार करते हुए मौत के घाट उतार दिया. इस तिहरे हत्याकांड से पूरे परिसर में जबरदस्त सनसनी व्याप्त हो गई थी और हिंगणा पुलिस ने मामले की जांच करते हुए राजू बिरहा सहित कमलेश उर्फ रघुवीर पंचमलाल झारिया (33) को गिरफ्तार किया था तथा दोनों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की गई. जहां पर जिला व सत्र न्यायाधीश पी. वाय. लाडेकर की अदालत ने राजू बिरहा को तिहरे हत्याकांड को दोषी कारार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. वहीं दूसरे आरोपी कमलेश उर्फ रघुवीर झारिया को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी किया गया. वहीं अब सत्र न्यायालय व्दारा सुनाई गई सजा पर अमल करने हेतु इस फैसले को सीआरपीसी की धारा 366 के तहत मंजूरी मिलने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष रखा गया है. जहां पर सत्र न्यायालय से फांसी की सजा प्राप्त राजू बिरहा ने भी अपनी सजा के खिलाफ अपील दायर की है. ऐसे में इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय व्दारा आगामी 19 जून को अंतिम सुनवाई की जाएगी.

* कुख्यात अपराधी है राजू बिरहा
जानकारी के मुताबिक तीन लोगों को मौत के घाट उतारने वाला राजू बिरहा कुख्यात अपराधी है. उसके खिलाफ नागपुर के सदर, अंबाझरी व सोनेगांव पुलिस थानों में कई गंभीर अपराधिक मामले दर्ज है. अब पुलिस ने इससे पहले राजू बिरहा को तडीपार भी किया है. वहीं अब राजू बिरहा तीन लोगों को मौत के घाट उतारने के मामले मेें अदालत से फांसी की सजा प्राप्त कर चुका है. वहीं सत्र न्यायालय के फैसले पर अमल को लेकर आगामी 19 जून को अदालत व्दारा अंतिम सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया जाएगा.

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