अमरावती

जालसाजी मामले की प्रलंबित एफआईआर व चार्जशीट हाईकोर्ट ने खारिज की

जांच के आधार पर सरकारी कर्मचारी के विरोध में केस नहीं बन सकती

एड. परवेज मिर्जा की सफल पैरवी
अमरावती- /दि.8 एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने मुंबई निवासी रमेश मंडावी (43) पर चल रहे हेराफेरी व जालसाजी के मुकदमे को खारिज करते हुए आरोपी के खिलाफ प्रलंबित एफ.आई.आर. व चार्जशीट को भी खारिज किया.
हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, अगर विभागीय जांच में आरोपी के खिलाफ आरोप साबित नहीं होते है, तो उस आधार पर एनआईआर व फौजदारी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए यह आदेश दिए गए. मामले की हकीकत इस प्रकार है कि, सन 2013 में उपरोक्त आरोपी महाराष्ट्र राज्य सडक परिवहन योजना निगम, आर्वी, वर्धा में डिपो मैनेजर के पद पर कार्यरत था. एफआईआर के अनुसार 7 मार्च 2013 को महाराष्ट्र राज्य सडक परिवहन योजना निगम के बसों में वास्तविक मात्रा में करीब 118 लीटर से अधिक डीजल बिल में बताकर शासन से अधिक रकम लेकर रुपयों की हेराफेरी की गयी थी, रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य आरोपी मंडावी ने 2 और सहआरोपियों के साथ मिलकर रुपयों की हेराफेरी की थी. जिसमें आरोपियो के खिलाफ धारा 409, 468, 471 व 34 के तहत अपराध दर्ज था. मामले की जांच के बाद स्थानीय कोर्ट के 3 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गयी थी व कोर्ट के समक्ष मामला प्रलंबित था. मुख्य आरोपी ने अपने वकील एड. परवेज मिर्जा के माध्यम से हाईकोर्ट नागपुर में याचिका दायर की थी. जिसमें आरोपी के खिलाफ प्रलंबित एफआईआर व मुकदमे को खारिज करने की मांग की गयी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए यह दलील दी गयी थी कि, अगर किसी आरोपी पर समान आरोपों के तहत विभागीय जांच होती है, जिससे उसे निर्दोष पाया जाता है तो उसी आधार पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर चार्जशीट व फौजदारी मुकदमा करने की अनुमति कानून नहीं देता और अगर पुलिस ऐसा करती है तो वह गैरकानूनी हैं. सरकारी पक्ष व फरियादी के वकीलों ने याचिका का कडा विरोध करते हुए लगाए हुए आरोपों व आरोपी के खिलाफ मुकदमे को सही बताया. हाईकोर्ट ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को मंजूर करते हुए मुख्य आरोपी रमेश मंडावी के खिलाफ हुई एफआईआर और फौजदारी मुकदमे को खारिज करते हुए उसे दोषमुक्त किया. आरोपी की और से एड. परवेज मिर्जा ने सफल पैरवी की.

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