हाईकोर्ट ने किराया वृध्दि पर मनपा से मांगा जवाब
मनपा व्यापारी संकुलों की दुकानों का किराया बढाने का मामला
अमरावती/दि.25 – स्थानीय महानगरपालिका अंतर्गत आनेवाले 6 व्यापारी संकुलों का किराया बढाने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा मनपा को नोटीस जारी कर तत्काल जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये गये है.
बता दें कि, विगत अनेक वर्षों से मनपा के व्यापारिक संकुलों की दूकानों का किराया नहीं बढाया गया था. ऐसे में विगत दिनों मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे ने इन व्यापारिक संकुलों के किराये में रेडीरेकनर की दरों के अनुसार वृध्दि करते हुए किरायेदार व्यापारियों के नाम नोटीस जारी की है. जिसमें नई दरों के अनुसार किराया भरने या दुकान खाली करने की बात कही गई है. जिसके खिलाफ प्रियदर्शनी व्यापारी संकुल के किरायेदार व्यापारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट द्वारा मनपा को तत्काल अपना जवाब पेश करने के लिए नोटीस जारी की गई है.
ज्ञात रहे कि, शहर के बीचोंबीच और प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में रहनेवाले मनपा के व्यापारिक संकुलों की दुकाने करीब 25 वर्ष पूर्व 1 रूपया चौरस फीट की दर से किराये पर दी गई थी और विगत 25 वर्षों के दौरान इस किराये में कभी कोई वृध्दि नहीं हुई. इस दौरान कई व्यापारियों के साथ किया गया किराया करार भी खत्म हो गया. ऐसे में मनपा प्रशासन ने किराया करार नूतनीकरण सहित किराया दरवृध्दि का निर्णय लिया. जिसके तहत मनपा के व्यापारिक संकुलों के किराये में भारी-भरकम वृध्दि की गई और प्रियदर्शनी व्यापारी संकुल की दुकानों का किराया 46 रूपये स्क्वेअर फीट की दर से तय किया गया. हालांकि इस विषय को लेकर मनपा की पिछली आमसभाओं में सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच काफी गहमागहमी हुई. साथ ही विषय को सरकार के पास निर्णय हेतु भेजा गया. वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने अपनी कार्रवाई तेज करते हुए मनपा के व्यापारिक संकुलों में किरायेदार रहनेवाले व्यापारियों के नाम नोटीस भी जारी कर दी. जिसके खिलाफ व्यापारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
मिली जानकारी के मुताबिक मनपा के प्रियदर्शनी व्यापारी संकुल में करीब 280 व्यापारी किरायेदार है. जिन्होंने मनपा द्वारा लिये गये किराया वृध्दि के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं मनपा की ओर से अब जल्द ही अपना जवाब हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया जायेगा. किंतु इतना तो तय है कि, काफी पेचिदा हो चुका यह मामला अगले कई माह तक अदालत के समक्ष विचाराधीन रहेगा.