अमरावती/दि.८ – जिले में जिस रफ्तार से संक्रमण बढ रहा है, उसी रफ्तार से हाईरिस्क मरीजों की संख्या भी बढने के चलते स्वास्थ्य विभाग के लिए नयी चुनौती बनी हुई है. मौजूदा स्थिति में २७१ हाईरिस्क मरीजों पर उपचार चल रहा है. जिसमें से २३१ मरीज ऑक्सिजन पर व ४० मरीज की हालत बेहद नाजुक रहने से वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टरों की टीम लगातार उन मरीजों पर नजर रखे हुए है. दिनोंदिन हाईरिस्क मरीजों का आंकडा बढने से स्वास्थ्य विभाग की धडकनें बढ गई है.
कोरोना का तांडव थमने की बजाय बढता जा रहा है. जिले के विभिन्न कोविड हॉस्पिटलों में वर्तमान में २३१ हाईरिस्क कोरोना मरीज है. जिले के कोविड अस्पतालों में ४५० ऑक्सिजन बेड व ५० वेंटिलेटर ऑक्सिजन बेड व ५० वेंटिलेटर की सुविधा की गई है. बढते आंकडों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्बारा हेल्थ केयर सेंटर में बढोत्तरी की गई है. ६०० ऑक्सिजन बेड तैयार किए जा रहे हैं. गोडे हॉस्पिटल में कोविड हॉस्पिटल तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी हेल्थ केयर सेंटर बढाने की मुहिम जिला प्रशासन द्बारा तेज की जा चुकी है. शहर में कोरोना के साथ-साथ सारी बीमारी ने भी अपने पांव पसार रखे हैं. सारी के भी कई मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के स्वास्थ्य विभाग के लिए दोहरी चुनौती खडी हो गई है.
प्रतिदिन ४० से ५० रोगी विभिन्न अस्पतालों में दाखिल हो रहे है. सारी रोगियों में से २० प्रतिशत मरीज कोरोना बाधित पाए जा रहे है. इर्विन और पीडीएमसी में सारी के रोगियों के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. कुछ निजी अस्पतालों में भी सारी का इलाज किया जा रहा है.
५५ वर्ष से अधिक उम्र वाले सर्वाधिक शिकार
जिले में कोरोना से मौतों का आंकडा बढ रहा है. अब तक १५३ जाने गई है, सर्वाधिक ५५ वर्ष से अधिक आयु वाले रोगियों की मौत हुई है. वर्तमान में ३३ प्रतिशत पॉजिटिव संख्या बढी है. जिसके चलते ध्यान देकर तत्काल कोरोना टेस्ट कराना आवश्यक है. खासकर युवाओं की बेखौफ होकर घूमना परिवार के लिए खतरा साबित हो सकता है.