उडानपुल पर तेज रफ्तार कार की दुपहिया को टक्कर, दो घायल
दुपहिया हुई चकनाचूर, कार का अगला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त
अमरावती/दि.5 – बीती रात राजापेठ से इर्विन चौक की ओर जाने वाले उडान पुल पर ठीक जयस्तंभ चौक के उपर तेज रफ्तार कार ने दुपहिया वाहन को जोरदार टक्कर मारी. इस हादसे में दुपहिया पर सवार दो लोग गंभीर रुप से घायल हो गये. वहीं उनकी दुपहिया पूरी तरह से चकनाचूर हो गई. यह भिडंत इतनी जबर्दस्त थी कि, कार की एयर बैग भी खुल गई थी और कार का अगला हिस्सा काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गया था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक बीती रात 9.30 बजे के आसपास रोशन प्रमोद मालगोडे (25, वल्लभनगर) तथा पवन प्रमोद यादव (28, देशपांडेवाडी) नामक दो युवक बिना नंबर वाली मोपेड पर सवार होकर इर्विन चौक से राजापेठ की ओर फ्लायओवर से आ रहे थे. वहीं दूसरी ओर से कार क्रमांक एमएच-27/बीएल-3119 तेज रफ्तार के साथ आ रही थी. जिसमें जयस्तंभ के उपर फ्लायओवर पर सामने से आ रही एक्टीवा मोपेड को जोरदार टक्कर मारी. जिसके चलते दुपहिया पर सवार दोनों युवक सडक पर गिर गये और गंभीर रुप से घायल हो गये. वहीं इस हादसे के बाद कार के स्टेरिंग में रहने वाली एयर बैग भी खुल गई और कार सडक के बिचों बीच खडी हो गई. साथ ही कार का ड्राइवर साइड का एक पहिया भी पूरी तरह से मुड गया. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, हादसे के वक्त कार की रफ्तार कितनी जबर्दस्त रही होगी और यह भिडंत भी कितनी जबर्दस्त रही होगी.
यह हादसा घटित होते ही फ्लायओवर से गुजरने वाले कुछ लोगों ने इसकी जानकारी सिटी कोतवाली पुलिस को दी. जिसके बाद सिटी कोतवाली के नाइट ड्यूटी ऑफिसर व सीआर मोबाइल पथक तुरंत ही मौके पर पहुंचे. जिन्होंंने दोनों घायलों को तुरंत अस्पताल में भिजवाया.
* इर्विन में दिखी लचर व्यवस्था
विशेष उल्लेखनीय है कि, इर्विन अस्पताल में बाहर से किसी भी मरीज को बाहर से लाये जाने पर उसे विल चेअर या स्टेचर पर लेते हुए भीतर ले जाने के लिए सुरक्षा रक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. परंतु कल रात जब फ्लायओवर पर हुए हादसे के दोनों घायलों को इलाज हेतु जिला सामान्य अस्पताल पहुंचाया गया. तब वहां पर किसी भी सुरक्षा रक्षक अथवा कर्मचारी ने घायलों को अस्पताल के भीतर ले जाने हेतु विल चेअर या स्टेचर की व्यवस्था नहीं की और इस काम को लेकर लगभग पूरी तरह से अनास्था दिखाई. ऐसे में दोनों घायलों को लेकर पहुंच पुलिस कर्मियों ने ही खुद होकर स्टेचर व विल चेअर की व्यवस्था करते हुए दोनों घायलों को अस्पताल के भीतर पहुंचाया. जिसके बाद उनका इलाज शुरु किया जा सका.