अमरावती

महावितरण व मनपा के बीच रूक नहीं रहा ‘हाई व्होल्टेज ड्रामा’

मनपा का दावा, दोगुना दंड नियमानुसार लगाया गया

अमरावती/प्रतिनिधि दि.७ – महानगरपालिका द्वारा बकाया विद्युत बिल अदा नहीं किये जाने के चलते महावितरण द्वारा विगत दिनों मनपा क्षेत्र में स्थित स्ट्रीट लाईट ेकी बिजली आपूर्ति खंडित कर दी गई थी. जिसके दूसरे ही दिन महानगरपालिका द्वारा महावितरण को बकाया कर की रकम हेतु नोटीस जारी की गई थी. इस दोनों मामलों को लेकर इन दोनों ‘महा’विभागों में जबर्दस्त विवाद और तनाव की स्थिति बन गई है. वहीं दूसरी ओर अब महावितरण द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि, महानगरपालिका के पास महावितरण से संपत्ति कर वसूली का अधिकार ही नहीं है. जबकि महानगरपालिका के मुताबिक उसका महावितरण की ओर 13.65 करोड रूपये का बकाया है.
महानगरपालिका की ओर से बताया गया कि, दो वर्ष की एलबीटी हेतु 6.35 करोड रूपयों का कर महावितरण पर लगाया गया है, यह रकम महावितरण द्वारा विद्युत बिलों के जरिये वसूल की गई थी. जिसे दो वर्ष बाद अदा किया गया. ऐसे में नियमानुसार इस पर दोगुना अधिक अधिभार लगाया गया. जिसकी वजह से अब महावितरण पर एलबीटी कर के तौर पर 13.65 करोड रूपयों का बकाया है. इसके अलावा महावितरण की ओर अमरावती शहर में स्थित कार्यालयों के संपत्ति कर के तौर पर 2.89 करोड रूपये का भी बकाया है. ऐसे में महावितरण की ओर कुल बकाये की राशि 16.54 करोड रूपये है. जिसमें से 13.65 करोड रूपयों के बकाये हेतु महावितरण के एक कार्यालय पर जप्ती की नोटीस जारी की गई है और 15 दिनों के भीतर यदि इस बकाये की अदायगी नहीं की जाती, तो संबंधित कार्यालय की नीलामी भी की जा सकती है. ऐसी जानकारी कर निर्धारण अधिकारी महेश देशमुख द्वारा दी गई है.
इस बारे में मनपा की ओर से कहा गया कि, मनपा द्वारा खुद अपने खर्च से बिल अदा करते हुए नागरिकों को स्ट्रीट लाईट की नि:शुल्क सेवा दी जाती है. जिसका लाभ शहर में रहनेवाले हर एक व्यक्ति को होता है. वहीं दूसरी ओर महावितरण द्वारा अपनी हर एक सेवा के लिए समाज के हर एक घटक से शुल्क वसूला जाता है. महावितरण द्वारा तीनों विद्युत कंपनी को जिस कर आकार से छूट मिलने की बात कही जा रही है और जिसके बारे में राज्य सरकार के 20 दिसंबर 2018 के निर्णयानुसार जो छूट दी गई है, उस पर मनपा ने कर ही नहीं लगाया. बल्कि जो भी कर लगाया गया है, वह नियमानुसार और वरिष्ठ विभागों के निर्देशानुसार ही लगाया गया है.

  • नियामक आयोग का निर्णय मनपा के पक्ष में

महानगरपालिका द्वारा वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 के लिए 6.43 करोड रूपये की एलबीटी महावितरण पर लगायी गई. जिसके खिलाफ महावितरण द्वारा राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास अपील की गई थी. इसका निर्णय भी मनपा के पक्ष में लगा था. जिसके बाद महावितरण ने 4 अगस्त 2018 को 6.23 करोड रूपये की रकम स्ट्रीट लाईट के बिल में समायोजित करने की बात मनपा प्रशासन द्वारा दी गई, लेकिन इस पर दंड व विलंब शुल्क के साथ अब यह रकम 13.65 करोड रूपयों तक जा पहुंची है.

  • इससे पहले महावितरण को दी गई 200 करोड रूपयों की छूट

एकात्मिक उर्जा विकास योजना अंतर्गत शहर में 236 किमी लंबे रास्ते की खुदाई के लिए कम से कम 200 करोड रूपयों की छूट दिये जाने की जानकारी मनपा प्रशासन द्वारा दी गई है. जिसमें डांबरी, कांक्रीट व पेविंग रास्ते की खुदाई हेतु 9 हजार 900 रूपये प्रति मीटर तथा 495 रूपये प्रति मीटर सुपरविजन चार्जेस रहने के बावजूद डांबरी सडक हेतु केवल 75 रूपये, कांक्रीट सडक हेतु 100 रूपये, पेवर रास्ते हेतु 100 रूपये प्रति मीटर की छूट दी गई है. ऐसा मनपा प्रशासन द्वारा बताया गया है.

महावितरण की ओर रहनेवाला बकाया नियमानुसार है. एलबीटी की रकम पर विलंब शुल्क तथा संपत्ति कर की रकम बकाया है. महावितरण के बकाये की अदायगी जल्द ही की जायेगी. फिलहाल समायोजन का कोई प्रस्ताव नहीं है और हम अपनी रकम भी वसूल करेंगे.
– प्रशांत रोडे
आयुक्त, अमरावती मनपा

मनपा की एलबीटी की रकम को इससे पहले ही अदा किया जा चुका है. वहीं अब इस रकम का मनपा द्वारा दंड एवं विलंब शुल्क लगाया गया है. जिसे लेकर वरिष्ठ कार्यालय से संवाद जारी है.
– आनंद काटकर
कार्यकारी अभियंता, महावितरण

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