अमरावती

हिंदी भाषा सम्मान विचार गोष्ठी आज

रोटरी क्लब ऑफ अमरावती मिडटाउन का उपक्रम

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१४ – रोटरी क्लब ऑफ अमरावती मिडटाउन के रोटरी कलादालन की ओर से सोमवार, १४ सितंबर को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी भषा सम्मान विचार गोष्ठी का आयोजन किया है. प्रांतपाल शब्बीर शाकिर की हिंदी भाषा में रुचि को देखते हुए यह कार्यक्रम आयोजित किया है. रोटरी मिडटाउन द्बारा जूम एप पर मीटिंग आईडी ८३९११९ व पासवर्ड ७१००१७ के माध्यम से नागरिक जुड सकते है. इसके अलावा रोटरी के फेसबुक पेज पर भी यह कार्यक्रम सोमवार १४ सितंबर की शाम ८.३० बजे लाइव देखा जा सकता है. रोटरी प्रांत ३०३० के भूतपूर्व प्रांतपाल मधु रुघवानी की अध्यक्षता में भूतपूर्व प्रांतपाल किशोर केडिया द्बारा कार्यक्रम का उद्धाटन किया जाएगा. इस अवसर पर हिंदी साहित्यरत्न पुरस्कार विजेता भूतपूर्व अधिष्ठाता डॉ. वेदप्रकाश मिश्र, पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय पटना की साहित्यकार एवं अतिथि व्याख्याता डॉ. भावना शेखर, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता फरीदाबाद के जर्मन भाषाविद, रंगकर्मी, कथाकार, कवि ज्योति संग द्बारा कार्यक्रम की प्रस्तुती दी जाएगी. हिंदी दिवस निमित्त हिंदी भाषा के लिए योगदान हेतु प्रांतपाल शब्बीर शाकिर को शॉल, श्रीफल, सम्मानपत्र से सम्मानित किया जाएगा. ज्यादा से ज्यादा रोटरी सदस्य कार्यक्रम में सहभागी हों, यह अनुरोध रोटरी क्लब ऑफ अमरावती मिडटाउन के अध्यक्ष विनायक कडू, सचिव डॉ. सतीश अग्रवाल, आशीष गाताडे, रोटरी कलादालन के कार्याध्यक्ष दिनेश नरसु, हिंदी भाषा दिवस कार्यक्रम की निदेशक डॉ. शुभांगी मुंधडा, प्रा. आशय रोकडे आदि ने किया है.

डॉ. वेद प्रकाश मिश्र ने डीएससी की पदवी प्राप्त की है. वे बी.सी.रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त डॉक्टर हैं. शिक्षा क्षेत्र में कई समितियों के सलाहकार के रुप में वे कार्यरत हैं. फिलहाल वे कुलपति के साथ कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के मुख्य मार्गदर्शक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के कुलपति व वैद्यकीय क्षेत्र के साथ अन्य शिक्षा क्षेत्र में ४० से अधिक विद्यापीठ तथा बडे शैक्षणिक संस्थाओं में उच्च पद पर कार्य किया है. शालेय जीवन से ही उन्होंने वाद-विवाद स्पर्धाओं के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है. नागपुर विद्यापीठ ने उन्हें बेहतरीन वाद-विवाद पटु के खिताब ने नवाजा था. हिंदी साहित्यरत्न पुरस्कार, विज्ञान ज्योति पुरस्कार, महाराष्ट्र सुवर्ण जयंती qहदी सेवा विशेष सम्मान, विद्याश्री भूषण पुरस्कार जैसे विभिन्न पुरस्कारों से उन्हें नवाजा गया है.

ज्योति संग को हिंदी कविता व नाटक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया है. वे हरियाणा तरंग मासिक के संपादक है. ज्योति संग यह सुविख्यात लेखक तथा रंगकर्मी हैं. उन्होंने अब तक २५ नाटकों का लेखन किया है. ली सांग इंटरनेशनल अकादमी के वह संचालक है. वे १० साल जर्मनी में रहे. उन्होंने लगभग ५० देशों का भ्रमण किया है.

डॉ. भावना शेखर यह पटना के ए.एन. कॉलेज पाटलीपुर विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफेसर के रुप में कार्यरत है. हिंदी साहित्य मं रुचि रखने वाली डॉ. भावना शेखर की कविता कथा व बालगीतों पर आधारित ९ किताबे प्रकाशित हुई हैं. ‘सांझ की नीला किवाड‘ तथा ‘मौन का महाशंख‘ यह उनके प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है. दूरदर्शन तथा आकाशवाणी के जरिये वे साहित्यिक चर्चाओं में हिस्सा लेती हैं. मधुबन संबोधन, सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार, साहित्य-सेवी तथा साहित्य शताब्दी पुरस्कार, वीमेन्स अचीवमेंट अवार्ड से उन्हें सम्मानित किया गया है.

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