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हिन्दी- मराठी साहित्यकार मोहने का निधन

साहित्य जगत मेें शोक

* विविध विधाओं में किया लेखन
अमरावती/दि.20– शहर के हिन्दी और मराठी भाषा के बिरले साहित्यकार राजू अर्थात राजकुमार प्रेमलाल मोहने (62) का अल्प बीमारी पश्चात निधन हो गया. वे अपने पीछे बडे भाई राम दयाल, सुख दयाल, पत्नी श्वेता, दो पुत्रियां रिध्दी- सिध्दी सहित भरापूरा परिवार छोड गये हैं. उनके निधन का समाचार आज सबेरे मिलते ही साहित्य जगत में दु:ख व्याप्त हो गया. विविध विधाओं में अधिकार पूर्वक लेखन करनेवाले राजू मोहने के निधन पर अनेक मान्यवरों ने दु:ख व्यक्त किया है. किसी ने उन्हें हिन्दी और मराठी को जोडनेवाली कडी तो किसी ने उन्हें नियमित लेखन वाले स्तंभकार बतलाया.

* टेलर्स इरास और कैटरिंग व्यवसाय
सतीधाम मार्केट स्थित टेलर्स इरास प्रतिष्ठान के संचालक राजू मोहने कैटरिंग का भी व्यवसाय करते थे. उन्होंने अनेक स्थानीय घटनाक्रम पर आधारित काव्य और कहानी सहजता से लिखी. उनका हिन्दी और मराठी दोनों भाषा पर प्रभुत्व रहा. कथा कविता लेख के अलावा उन्होंने समसामयिक लेख भी विपुल मात्रा में लिखे.

* परतीच्यावाटेवार कथा संग्रह प्रकाशित
हिन्दी और मराठी में समान रूप से लेखन करनेवाले राजू मोहने के कहानी संग्रह परतीच्या वाटेवर का प्रकाशन कुछ वर्ष पहले किया गया था. वे सप्तरंगी हिन्दी साहित्य संस्था, साहित्य सौरभ और अन्य साहित्यिक संस्थाओं से जुडे थे. उनकी अंतिम यात्रा में सभी क्षेत्र के मान्यवर सहभागी हुए.

* कई ने व्यक्त किया शोक
राजू मोहने को सीधा सरल साहित्यकार बताते हुए नगर के प्रतिष्ठित साहित्य शिल्पी सर्वश्री भगवान वैद्य, पवन जायसवाल, शंकर भूतडा, अनीता कुलकणी, बबन सराडकर, कविता मालपानी, डॉ. आशा पांण्डेय, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, श्याम दम्माणी, नरेंद्र देवरणकर आदि ने दु:ख व्यक्त किया. उनके सरल स्वभाव का भी उल्लेख कर मोहने के निधन को अमरावती साहित्य जगत की क्षति निरूपित किया.

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