अमरावती/ दि.11 – चांदूर बाजार तहसील के वडूरा जिला परिषद स्कूल में कार्यरत शालेय पोषण आहार कर्मचारी सदानंद मनोहरे और उनकी पत्नी भारती मनोहरे को काम पर वापस लेने की मांग को लेकर आयटक संगठन की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया. कर्मचारी को न्याय नहीं मिलने पर 23 अगस्त को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनशन करने की चेतावनी दी गई.
निवेदन में बताया गया है कि सदानंद मनोहरे और उनकी पत्नी भारती मनोहरे बीते 18 वर्षों से वडूरा जिला परिषद स्कूल में पोषण आहार पकाने का काम नियमित रुप से कर रही है, लेकिन स्कूल प्रबंधन और मुख्याध्यापक ने मिलकर दोनों को काम पर से हटाया है. काम पर से अचानक हटाया जाने से दोनों पर अन्याय हुआ है. आयटक की मांग है कि मामले की तत्काल जांच कर मनोहरे दम्पति को न्याय दिया जाए, वहीं स्कूल प्रबंधन समिति को बर्खास्त करे व मुख्याध्यापक कडू पर योग्य कार्रवाई की जाए, अन्यथा 23 अगस्त से बेमियादी अनशन करने की चेतावनी दी गई है. निवेदन सौंपते समय देवानंद मनोहरे, भारती मनोहरे, हिम्मतराव गवई मौजूद थे.
शालेय पोषण कर्मचारियों के मानधन में वृध्दि करें
शालेय पोषण आहार कर्मचारियों को पूरे 12 महिने बाद मानधन मिलने के साथ ही उसमें बढोतरी कर कम से कम 21 हजार रुपए वेतन देने की मांग को लेकर आयटक के जिलाध्यक्ष हिम्मतराव गवई ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा है. निवेदन में बताया गया है कि राष्ट्रीय शालेय पोषण आहार अंतर्गत राज्य में कार्यरत रहने वाले 1 लाख 75 हजार 333 शालेय पोषण आहार कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौर में 10 माह का अनुदान मंजूर कर वितरित किया गया. इतना ही नहीं तो केंद्रीय शिक्षामंत्री ने कक्षा पहली से आठवीं तक शासकीय व निजी अनुदानित स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की रकम छात्रों के बैंक खाते में जमा करायी है. यह काफी सराहनीय कदम है. बावजूद इसके शालेय पोषण आहार कर्मचारी बीते 15 से 20 वर्षों से अल्प मानधन में काम कर रहे है. इसलिए उन्हें नियमित 12 हजार रुपए मानधन दिया जाए, वहीं मानधन में बढोतरी कर कम से कम 21 हजार रुपए वेतन देने की मांग की गई है.