अमरावती

नाम के लिए है हिरकणी कक्ष

महिला जनप्रतिनिधियों को ही नहीं मिल रही सुविधा

अमरावती/दि.20– स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में हिरकणी कक्ष का अस्तित्व केवल कागजों पर ही है. जिला परिषद को छोडकर अन्य स्थानों हिरकणी कक्ष का अस्थित्व ही दिखाई नहीं देता और यदि कहीं पर यह कक्ष है भी, तो इस पर ताला लगा रहता है. साथ ही कुछ स्थानों पर कोई सुविधा नहीं है. जिसके चलते महिलाओं को काफी असुविधा का सामना करना पडता है. स्वायत्त संस्थाओं में आम जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला जनप्रतिनिधि भी इस असुविधा का शिकार हो रही है. साथ ही इन स्वायत्त संस्थाओं में अपने किसी काम के लिए आने वाली नवप्रसूता महिलाओं को भी अपने दुधमुहे बच्चे को स्तनपान कराने हेतु खुले में ही बैठना पडता है.
बता दें कि, अपने वार्ड व प्रभाग का कार्यभार देखने वाली कई महिला जनप्रतिनिधियों के बच्चे बेहद छोटे होते है और उन्हें अपने बच्चों को साथ लेकर ही स्थानीय स्वायत्त संस्थाओें में अपने कामकाज के लिए आना पडता है. ऐसी महिला सदस्यों और उनके छोटे बच्चों हेतु प्रत्येक स्थान पर हिरकणी कक्ष स्थापित किया गया है. लेकिन पंचायत समिति व ग्राम पंचायत स्तर पर यह कक्ष उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते अपने वार्ड, गट व गन की समस्याओं को रखने हेतु सभागृह में आने वाली महिला सदस्यों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है.

* 840 ग्रापं में 3 हजार से अधिक महिला सदस्य
जिले की 840 ग्राम पंचायतों में करीब 3 हजार 500 महिला सदस्य है, जो अपने गांव के वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए ग्रापं का कामकाज देखती है.

* 14 पंस मेें 59 महिला सदस्य
जिले की 14 पंचायत समितियों मेें 59 महिला सदस्य है. जिनके द्बारा अपने गण की समस्याओं व दिक्कतों को अपनी पंचायत समितियों में रखा जाता है.

* जिप में 30 महिला सदस्य
जिला परिषद में 50 गटों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला सदस्यों की संख्या 30 है, जो ग्रामीण क्षेत्र के गट व गण का प्रतिनिधित्व करती है. ग्रापं, पंस व जिप की सदस्य रहने वाली कई महिला जनप्रतिनिधियों के बच्चे बेहद छोटे व दुधमुहे है. जिनके लिए हिरकणी कक्ष का रहता बेहद जरुरी है.

* हिरकणी कक्ष की स्थिति
– ग्रामपंचायत
ग्रामपंचायतों में हिरकणी कक्ष शुरु करने हेतु खुद ग्रामपंचायत प्रशासन ही गंभीर नहीं है. ऐसे में कई महिला प्रतिनिधियों को किसी कार्यालयीन कक्ष में बैठकर अपने दुधमुहे बच्चों को स्तनपान कराना पडता है.
– पंचायत समिति
पंचायत समिति कार्यालयों में भी लगभग ऐसी ही स्थिति है. जहां विगत कई वर्षों से हिरकणी कक्ष नहीं है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला पसं सदस्यों द्बारा अपने बच्चों को तहसील मुख्यालय में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के यहां रखना पडता है. ृ
– जिला परिषद
जिला परिषद कार्यालय परिसर में हिरकणी कक्ष तो है, लेेकिन इस कक्ष में साफ-सफाई व पीने के पानी की सुविधाओं का नितांत अभाव है. ऐसे में इस कक्ष में बैठकर अपने बच्चों को स्तनपान कराने में महिलाओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पडता है.

जिला परिषद के प्रांगण में हिरकणी कक्ष है. साथ ही कुछ पंचायत समितियों में भी यह सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा जिन स्थानों पर यह सुविधा नहीं है, वहां हिरकणी कक्ष शुरु करने के संदर्भ में संबंधित विभागों के जरिए निर्देश दिए जाएंगे.
– संतोष जोशी,
प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी,
जिप, अमरावती.

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