अमरावती

धामणगांव न्यायालय का मवेशी तस्कारों को लेकर ऐतिहासिक फैसला

गौरक्षण में 3 लाख 70 हजार रुपए जमा करने के दिये आदेश

धामणगांव रेलवे /दि.2- गौहत्या पर प्रतिबंध रहने के पश्चात आज भी जिले में बडे पैमाने पर मवेशियों की तस्करी करते हुए उन्हें कत्तलखाने ले जाया जाता है. जिसके सैकडों मामले अब तक पुलिस थानों में दर्ज किये जा चुके है. परंतु ऐसे ही मवेशी तस्करी के मामले में बुधवार को धामणगांव की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जिसमें मवेशियों की देखरेेख व चारापानी के आदि खर्चो को मद्देनजर रखते हुए संबंधित आरोपी को भारी जुर्माना ठोका गया है. जिसके पश्चात गौरक्षण को लाखों रुपए दिये गये.
अदालत के आदेशानुसार 3 लाख 70 हजार रुपए नकद धामणगांव के गौरक्षण में जमा किये गये. ग्रामीण पुलिस की तत्परता से पकडे गये गौवंशों को गौरक्षण में पालने हेतु चारा का खर्च के लिये यह रकम दिलायी गयी. जानकारी के अनुसार विदर्भ में यह पहला मामला देखा जा रहा है. लगातार हो रहे गौवंश के अवैध परिवहन व अवैध कत्ल के बारे में कई बार आवाजें उठायी गयी है. समिति के सदस्य विजय शर्मा व डॉ. सुनील सूर्यवंशी ने यह सारा मामला समिति की बैठक में रखा था.
जिसके बाद यह मामला जिलाधिकारी, ग्रामीण पुलिस व आरटीओ के समक्ष रखा गया था. आरटीओ के अधिकारी राम गीते व बागरी ने चेकपोस्ट पर जांच बढायी. जिससे गौ तस्कर चौकन्ना हो गये और रास्ता बदलकर कच्चे रास्ते से तस्करी कर रहे थे, लेकिन इस संदर्भ में ग्रामीण पुलिस को जानकारी मिलती रही. मध्यप्रदेश से सटे वरुड, मोर्शी इन मार्गो पर सर्वाधिक गौ तस्करी की जाती है. इस विषय पर शहर व ग्रामीण में विशेष गौरक्षण दल बनाने हेतु ग्रामीण व शहर के वरिष्ठ अधिकारियों से प्रत्यक्ष चर्चा की. इस मामले में एड. श्रुति मेहता, एड. आशीष राठी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. वहीं गौरक्षण के नंदकिशोर राठी, प्रांत सहसंचालक बाबूजी राठी व गौरक्षण के पदाधिकारी, ग्रामीण पुलिस का भी सहयोग रहा है. अदालत द्बारा लगाये गये जुर्माना के पश्चात लाखों रुपए की रकम गौरक्षण में दी गयी. वहीं 5 लाख रुपए के बॉन्ड अदालत में जमा करें बिना कोई भी वाहन न छोडने के आदेश दिये गये.

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