शिवाजी कालेज की ऐतिहासिक उड़ान : एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के सर्वोत्तम 100 में स्थान
देश के सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालयों में 99वां स्थान
अमरावती/दि. 13 – देशभर के शैक्षणिक संस्थानों का मानांकन करने वाली नैशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) प्रक्रिया में पहले 100 सर्वोत्तम महाविद्यालयों की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में की. इसमें श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय, अमरावती ने देश के सर्वोत्तम 100 महाविद्यालयों की सूची में स्थान पाकर अमरावती शहर को गौरवान्वित किया है. हर वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर देशभर के महाविद्यालयों के मूल्यांकन के बाद गुणवत्तापूर्ण रैंकिंग घोषित की जाती है. 12 अगस्त को जारी सूची में टॉप 100 महाविद्यालयों के एलीट ग्रुप में अपना स्थान पक्का किया. इस कालेज के कक्षा 12 वीं में मेरिट विद्यार्थियों की शानदार परंपरा रही है. अनेक बार संभाग और स्टेट टॉपर इस कालेज से रहे हैं.
* नैक मानांकन में ए प्लस दर्जा
नैक मानांकन में ए प्लस दर्जा प्राप्त करके श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय, अमरावती ने अपनी विशिष्ट पहचान सिद्ध की थी. इसी क्रम में इस सत्र से विद्यार्थियों को विशेष अनुभव देने के लिए दो महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की गई हैं. इनमें केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के प्रधान मंत्री उच्चस्तर शिक्षा अभियान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा देशभर के चुनिंदा महाविद्यालयों को दी जाने वाली स्टार कॉलेज योजना के स्ट्रेंगदनिंग कंपोनंट का समावेश है. साथही राजीव गांधी सायन्स अंड टेक्लॉनोजी कमिशनके टेक्लॉनोजी लॅब के लिये अर्थसहाय्य प्राप्त हुवा है. अब देशभर के प्रथम 100 महाविद्यालयों की सूची में शामिल होकर महाविद्यालय की प्रगति का एक और नया चरण पार हुआ है.
* अनेक मानदंडों पर खरी
एनआईआरएफ रैंकिंग यह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की महत्वपूर्ण योजना है, जिसके द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्तापूर्ण मापन पांच मुख्य मानदंडों के आधार पर की जाती है. इसमें शिक्षण संसाधन, अनुसंधान कार्य, विद्यार्थी पूर्णता, विविधता और समर्पण, तथा संस्थान की छवि और प्रतिष्ठा का समावेश है. इन मानदंडों पर खरा उतरते हुए महाविद्यालय ने सर्वोत्तम रैंकिंग प्राप्त की है.
* शिव परिवार के लिए उपलब्धि
पूरे शिव परिवार के लिए यह गर्व की और उल्लेखनीय उपलब्धि है, महाविद्यालय की राष्ट्रीय स्तर पर कार्यगौरव की मान्यता है. अध्ययन, अध्यापन, और मूल्यांकन प्रक्रिया में उत्कृष्टता, अनुसंधान कार्य की प्रगति, विद्यार्थियों की उल्लेखनीय सफलता, विस्तार कार्यक्रमों की प्रभावी पहुंच, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की सकारात्मक राय, और नवाचार पर आधारित उपक्रमों के कारण ही महाविद्यालय देश के प्रथम सौ महाविद्यालयों में स्थान प्राप्त कर सका है.
* अमरावती विवि में एकमात्रा कालेज
संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय से एकमात्र महाविद्यालय ने इस सूची में अपना स्थान प्राप्त किया है. इस अभूतपूर्व सफलता के अवसर पर श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के सम्माननीय अध्यक्ष श्री हर्षवर्धनजी देशमुख ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी. वी. कोरपे और सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का मनःपूर्वक अभिनंदन किया. उन्होंने महाविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने और यह उपलब्धि महाविद्यालय के हर घटक के समर्पित कार्य की बदौलत प्राप्त हुई है, का गौरव व्यक्त किया.
* सभी घटकों के समर्पण का सुफल
महाविद्यालय की समग्र कार्यप्रणाली और सभी घटकों के समर्पित कार्य का यह सम्मान होने की भावना श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के सम्माननीय कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले ने व्यक्त की. प्राचार्य डॉ. जी. वी. कोरपे ने महाविद्यालय के सभी पूर्व प्राचार्यों और शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान और श्री शिवाजी शिक्षण संस्था की सम्माननीय कार्यकारी परिषद का सशक्त समर्थन होने के कारण ही महाविद्यालय की सफलता का परचम आसमान में लहराने की भावना व्यक्त की.
* कुलगुरु ने किया अभिनंदन
विश्वविद्यालय के कुलपति मा. डॉ. मिलिंद बारहाते तथा प्र कुलपति डॉ महेद्र ढोरे के साथ शिवाजी संस्था की वर्तमान कार्यकारी परिषद के सम्माननीय उपाध्यक्ष अड. गजाननराव पुंडकर, एड. जयवंत उपाख्य भैयासाहेब पाटील पुसदेकर, केशवराव मेतकर, कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले तथा कार्यकारी परिषद सदस्य हेमंत कालमेघ, केशवराव गावंडे, श्री सुरेश खोटरे, सुभाष बनसोड तथा सचिव डॉ. वी. जी. ठाकरे और स्वीकृत सदस्य नरेश पाटील, पी. एस. वायाल, डॉ अमोल महल्ले ने महाविद्यालय के समग्र घटकों का अभिनंदन किया है.
* संस्था को अभिमान – देशमुख
श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय संस्था का अभिमान है. अन्य महाविद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान इस महाविद्यालय ने हाथ में लिया है और इस माध्यम से संस्था के अन्य महाविद्यालय भी आगामी समय में ऐसी सफलता की कई ऊंचाइयों को छूएंगे। महाविद्यालय को प्राप्त यह स्थान हर घटक के गुणवत्तापूर्ण कार्य की पावती है.
– हर्षवर्धन देशमुख, अध्यक्ष, श्री शिवाजी शिक्षण संस्था.
* निरंतर परिश्रम का सम्मान
महाविद्यालय के विद्यार्थी केंद्रित उपक्रम, सहकर्मियों का निरंतर परिश्रम और अनुशासित वातावरण के कारण ही यह सम्मान प्राप्त कर सके हैं. श्री शिवाजी शिक्षण संस्था का सशक्त समर्थन, पूर्व प्राचार्यों द्वारा रचित मजबूत आधार, तथा प्राध्यापक और शिक्षकेतर कर्मियों की निःस्वार्थ सेवा के कारण यह सफलता संभव हुई है. आई.क्यू.ए.सी. का सतत कार्य देखते हुए इस सफलता की पक्की उम्मीद थी.
– प्राचार्य डॉ. जी. वी. कोरपे
* वार्षिक योजनाएं का क्रियान्वयन
विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए चलाए गए योजनाओं और नियमित कार्यक्रमों की वार्षिक योजना ही इस सफलता का मुख्य आधार है। एनआईआरएफ रैंकिंग में महाविद्यालय में शुरू किए गए नवाचार, पर्यावरण अनुकूल वातावरण, विद्यार्थियों के उद्यमी कौशल विकास पर दिया गया जोर, अनुसंधान कार्य और उद्योग स्थापना के लिए की जा रही वित्तीय सहायता, अर्न एंड लर्न योजना, और विद्यार्थी और कर्मचारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे बुनियादी मुद्दों पर उठाए गए कदम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुए हैं.
– डॉ. प्रमोद पडोले, एनआईआरएफ समिति समन्वयक.
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