धामनगांव रेल्वे/दि.11– गडकोट किला व दुर्ग यह महाराष्ट्र के विजयी संघर्ष व समृध्द इतिहास का प्रतिक है. श्री छत्रपति शिवाजी महाराज के शिवराज्याभिषेक के 351 वर्ष के बाद भी यह गडकोट किला मराठी साम्राज्य के बेहतरीन इतिहास का सबूत देता है. इसी गढ किले के इतिहास को आने वाली पीढी समझ सके इसके लिए धामनगांव एज्युकेशन सोसायटी के विद्यानिकेतन सीबीएसई स्कूल में ऐतिहासिक किले बनाओ स्पर्धा का दो दिवसीय आयोजन किया गया था. अलग अलग कक्षा गुट की इस स्पर्धा में लगभग 150 विद्यार्थियों ने सहभाग लिया.
स्पर्धा में कक्षा 3री, 4थी, व 5वीं के विद्यार्थियों लिए अलग-अलग गट में इस स्पर्धा का आयोजन किया गया था. महाराज के किले बनाने के लिए विद्यार्थियों को दो दिन का समय दिया गया था. विद्यार्थियों ने इस माध्यम से अपनी कला कौशल का परिचय दिखाते हुए किले को अलग-अलग स्वरुप देकर तैयार किया. तैयार हुए सभी किलो ने छत्रपति शिवाजी महाराज की याद दिला दी.
धामनगांव एज्युकेशन सोसायटी के सचिव एड. आशिष राठी, शाला के संचालक राजेन्द्र जोशी, प्राचार्य रवी देशमुख, उपप्रचार्य साई निरजा ने बनाए गए किलो का निरीक्षण किया. यह स्पर्धा कला शिक्षक अजिंक्य काडगले के मार्गदर्शन में ली गई. दो दिन की स्पर्धा में कुल 20 गट के 150 विद्यार्थियों ने सहभाग लिया. विविध ऐतिहासिक किले बनाकर अपनी वैभवशाली इतिहास, किले की जानकारी, महाराज पर आधारित गीत व विद्यार्थियों व्दारा प्रस्तुत किए गए पहाडी आवाज में पोवाडा ने उपस्थित सभी का ध्यानाकर्षित कर दिया तथा उपस्थित मान्यवरों ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया. इस समय शाला के सभी विद्यार्थी, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे.