अमरावती विद्यापीठ के इतिहास मंडल ने तैयार किया ई-कंटेंट पाठ्यक्रम
कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर के हाथों उद्घाटन
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१३ – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के इतिहास अभ्यास मंडल की ओर से बीए भाग-१, ३ व ५ सेमीस्टर पाठ्यक्रम का ई-कंटेट तैयार किया गया है. राज्य का यह पहला उपक्रम होने का मत मुंबई विद्यापीठ इतिहास अभ्यास मंडल के अध्यक्ष तथा मुंबई विद्यापीठ के इतिहास विभाग प्रमुख डॉ. संदेश वाघ ने जताया.
कोरोना काल छात्रों को ऑनलाईन पढ़ाई कराई जारही है. पढ़ाए जानेवाले विषय छात्रों को समझ में आए और उनकी दिलचस्पी बढ़े. इसके लिए पाठ्यक्रमों की यूनिट के अनुसार विद्यापीठ इतिहास अभ्यास मंडल ने तैयार किया है. जिसका विमोचन कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर के हाथों किया गया. उद्घाटन के बीज भाषण में वे बोल रहे थे.कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने की. इस अवसर पर प्रबंधन परिषद सदस्य डॉ. प्रदीप खेडकर, मानव विज्ञान शाखा अधिष्ठाता डॉ. अविनाश मोहरील मौजूद थे.
डॉ.वाघ ने कहा कि अमरावती विद्यापीठ के इतिहास मंडल की ओर से तैयार किए गये ई-कंटेंट पाठ्यक्रम का उपक्रम सराहनीय है. इस उपक्रम की दखल महाराष्ट्र के सभी विद्यापीठ लेंगे. प्रबंधन परिषद सदस्य डॉ. प्रदीप खेडकर ने इस उपक्रम को लेकर सभी अभ्यास मंडल के सदस्य व अध्यक्षों का अभिनंदन किया. अधिष्ठाता डॉ. अविनाश मोहरील ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इतिहास अभ्यास मंडल की ओर से चलाया जानेवाला यह उपक्रम अमरावती विद्यापीठ के इतिहास की दखल लेने वाला हैे. ई-कंटेंट इतिहास पाठ्यक्रम से समाज, छात्र, संशोधन, व्याख्याता को सहजता से इतिहास उपलब्ध हुआ है. अध्यक्षीय भाषण में कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने कहा कि नई शैक्षणिक नीति की पृ़ष्ठभूमि पर विद्यापीठ के इतिहास अभ्यास मंडल के अध्यक्ष डॉ. संतोष बनसोड व उनके सहयोगियों ने दो महिनों के प्रयासों के बाद एक घंटे के ९३ वीडियों बनाए है. इतिहास छात्रों के लिए पाठ्यक्रम का वीडियों उपयुक्त है और सरल पध्दति से तैयार किया गया है. पीडीएफ में भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है. जिसमें विषय व व्याख्यातों के नाम व लिंक आदि का समावेश रहने से स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करनेवाली छात्रों के लिए उपयुक्त साबित होगा. ई कंटेंट तैयार करने के लिए इतिहास विषय के प्राध्यापक के अलावा अभ्यास मंडल के सदस्य डॉ. सिध्दार्थ जाधव, डॉ. कैलाश गायकवाड, डॉ.नितिन सराफ, डॉ.प्रमोद चव्हाण, डॉ. कविता ताथेड, डॉ. मनीषा धापुडकर, डॉ.नारायणसिंह वर्मा, डॉ. कुसुमेन्द्र सोनटक्के, डॉ. चंद्रकांत सरदार, डॉ.श्रीहरी पितले, डॉ. मीनल खेरडे, डॉ. प्रफुल्ल टाले, डॉ. गजानन साडेनर, डॉ.विपिन राठोड, डॉ. ओमराज गजभिए, डॉ.सच्चिदानंद बिच्छेवार, डॉ.नितिन चांगोले, डॉ. व्यंकटेश लाँब, डॉ. अशोक भोरजार ने प्रयास किया. संचालन डॉ. नितिन सराफ ने किया. आभार डॉ.सिध्दार्थ जाधव ने माना.