इतिहास भूलने वाले इंसान इतिहास का निर्माण नहीं कर सकते
ओबीसी नेता प्रा.डॉ. संतोष हुशे का कथन
* राज्य स्तरीय सर्वशाखीय माली समाज उपवर-वधु परिचय सम्मेलन हुआ
अमरावती/दि.2- भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने कहा था कि, इतिसाह भूलने वाले इंसान इतिहास का निर्माण नहीं कर सकते. जो लोग इतिहास को याद रखते है वही इतिहास लिख सकते है. जिसके माध्यम से महापुरुषों के विचार, कार्य के प्रति हम जागरुक हो सकते है. ऐसा प्रतिपादन राज्यस्तरीय ओबीसी नेता प्रा.डॉ. संतोष हुशे ने किया.
स्थानीय मोर्शी रोड स्थित सांस्कृतिक भवन में राज्यस्तरीय सर्वशाखीय माली समाज के उपवर-वधु परिचय सम्मेलन के अवसर पर वह बोल रहे थे. कार्यक्रम में नाशिक मनपा की अतिरिक्त आयुक्त भाग्यश्री बनायत, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता चंद्रकांत मेहत्रे, सूचना व जनसंपर्क विभाग की सूचना अधिकारी अपर्णा यावलकर, महात्मा फुले बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र आंडे, प्रा. श्रीकृष्ण बनसोड, इंजी. भरत खासबागे, ओमप्रकाश अंबाडकर, सुधीर महाजन, सुभाष बनसोड, निलेश बेलसरे, प्रा. शिवदास महाजन, प्राचार्य डॉ. खेरडे, राजेंद्र वाढोकार, अनिल कुरलकर, रामचरण माने, प्रदीप खवले, सुशांत चर्जन, डॉ. सुधाकर बंदे, सुनील कलमकर, डॉ. मनोहर आंडे, मधुकरराव वर्हेकर, सुरेखा वर्हेकर, डॉ. अनिल सावरकर, डॉ. संजय निकस उपस्थित थे. प्रा.डॉ. हुशे ने कहा कि, आज की युवा पीढी को इन विचारों की आवश्यकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. संजय निकस के सहयोग से महात्मा फुले किताब की नींव रखी गई. महात्मा फुले व सावित्रीाबाई फुले के जीवन को किताब मेंं अंकित किया गया. सूरज के समान तेजस्वी महापुरुषों की जीवनगाथा से अब युवापीढी को अवगत करना जरुरी है. तभी हम उनके समान समाज का उत्थान व प्रगती के लिए कार्य कर सकते है.
कार्यक्रम में राज्यस्तरीय ओबीसी नेता प्रा. डॉ. संतोष हुशे तथा डॉ. संजय निकस व्दारा लिखित ‘महात्मा’ किताब का विमोचन किया गया. महात्मा फुले व सावित्रिबाई फुले के जीवन कार्य पर आधारित यह किताब सभी पाठकों के लिए उपयोगी साबित होगी ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन प्रबोधनकार वैशाली धाकुलकर व डॉ. उज्जवला मेहरे ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वशाखीय माली समाज बंधुओं ने अथक परिश्रम किया. कार्यक्रम में समाजबंधु बडी संख्या में उपस्थित थे.