इतिहास चार दिवारों में बैठकर सीखने का विषय नहीं
प्रा. डॉ. सिध्दार्थ जाधव का प्रतिपादन
अमरावती/दि.5– बाबाजी दाते कला और वाणिज्य महाविद्यालय में इतिहास विभाग द्बारा ‘मध्ययुगीन भारतातील अवतरणे आणि इतिहास लेखन’ इस विषय पर शुक्रवार 5 अप्रैल को व्याख्यान आयोजित किए गये. कार्यक्रम की अध्यक्षा प्राचार्या डॉ. वर्षा कुलकर्णी थी तथा प्रमुख वक्ता के रूप में प्रा. डॉ. सिध्दार्थ जाधव सदस्य, इतिहास अभ्यास मंडल संत गाडगेबाबा विद्यापीठ तथा इतिहास विभाग प्रमुख नानकीबाई वाधवानी कला महाविद्यालय यवतमाल थे.
‘मध्ययुगीन भारतातील अवतरणे आणि इतिहास लेखन’ इस विषय पर प्रा. डॉ. सिध्दार्थ जाधव ने कहा कि इतिहास यह चार दिवारों पर बैठकर सीखने का विषय नहीं. आधुनिक समय में डिजीलायजेशन सभी क्षेत्र में होते है. चित्र, नक्शे वीडियों के माध्यम से इतिहास सिखाया गया तो विद्यार्थियों को हमेशा याद रहता है. यवतमाल जिले के उत्खनन स्थल में कौन- कौन सी वस्तु मिली. इस पर उन्होंने प्रकाश डाला.
इस समय उन्होंने एम.ए. के विद्याथिर्र्यों को प्रोजेक्ट फिर्ल्ड वर्क इस संबंध में मार्गदर्शन किए. पीपीटी के माध्यम से उन्होंने विद्यार्थियों को इतिहास के संदर्भ सरलता से समझाए. एनईपी- 2020 नुसार सभी को बदलना चाहिए. ऐसी अपेक्षा कार्यक्रम की अध्यक्षा प्राचार्या डॉ. वर्षा कुलकर्णी ने व्यक्त की.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक प्रा. गजानन लांजेवार इतिहास विभाग प्रमुख ने किया. संचालन दिपाली ठाकरे ने तथा आभार प्रदर्शन रोहन गायकवाड ने किया. कार्यक्रम में प्रा. सोनुले, प्रा. जगताप, प्रा. गुल्हाने मैडम और इतिहास विषय की पदवी व पदव्युत्तर विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.