अमरावती

पेडों पर कील ठोंकना भी अपराध, अब तक किसी पर मामला दर्ज नहीं

अमरावती /दि.26- अक्सर सडक किनारे रहने वाले पेडों पर अनधिकृत रुप से बैनरबाजी करते हुए विज्ञापन करने हेतु कील के साथ पोस्टर व बैनर लगाए जाते है. जिसकी वजह से पेडों को नुकसान पहुंचता है. हकीकत में पेड पर कील ठोंकना यह अपराध है और पेडों पर कील ठोंककर विज्ञापनबाजी करने वाले लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज हो सकता है. परंतु हैरत की बात यह है कि, अमरावती शहर में कई स्थानों पर पेडों पर कील ठोंककर विज्ञापन लगे दिखाई देने के बावजूद भी अमरावती महानगरपालिका द्बारा आज तक किसी भी विज्ञापनबाज व्यक्ति या कंपनी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है.
बता दें कि, वर्ष 2008-9 की वृक्षगणना के अनुसार अमरावती शहर में 5 लाख 48 हजार वृक्ष थे और एक अनुमान के मुताबिक रोजाना विविध कारणों के चलते करीब 50 वृक्षों को काट दिया जाता है. सामाजिक संस्थाओं, महानगरपालिका, वन विभाग तथा अन्य विभागों द्बारा प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पेड लगाए जाते है. जिसमें से कुछ पौधे ही आगे चलकर जिंदा रहते है और बडे पेड में तब्दील होते है. ऐेसे में विभिन्न क्षेत्रों को हरा भरा करने के प्रयास लगातार किए जाते रहते है. वहीं दूसरी ओर पूरी तरह से विकसित हो चुके पेडों को विज्ञापन व प्रसिद्धि की ललक रखने वाले लोगों द्बारा अपने बैनर व पोस्टर प्रदर्शित करने के काम हेतु प्रयोग में लाया जाता है. जिसके तहत कई विज्ञापन कंपनियों, राजनीतिक दलों व नेताओं सहित सामाजिक कार्यकर्ता जैसे लोगों द्बारा पेडों पर कील ठोंकते हुए उसके सहारे अपने बैनर व पोस्टर लगाए जाते है. परंतु इससे पेडों को नुकसान पहुंचता है. साथ ही शहर के सौंदर्य में बाधा पहुंचकर विदृपीकरण भी होता है. जिसकी ओर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है.

* अब दर्ज होंगे अपराध
पेडों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों पर अपराध दर्ज किए जाने की चेतावनी मनपा द्बारा इससे पहले भी दी गई है. जिसमें कहा गया है कि, वृक्षारोपण व वृक्षसंवर्धन करते हुए राज्य के हरित क्षेत्र में वृद्धि करने हेतु प्रशासन, स्वयंसेवी संस्था एवं नागरिक समुह द्बारा सतत प्रयास किए जा रहे है. किंतु कुछ विकृत लोगों द्बारा पेड पर कील ठोंककर अपने बैनर व पोस्टर लगाने या पेड के तने पर अपना नाम कुरेदकर लिखने जैसे कृत्य किए जाते है. इस तरह का कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ अब अपराध दर्ज किया जाएगा.
* पेड भी होते है बीमार
पेड पर कील ठोंकने की वजह से पेडों का जीवन एक-दो साल से घट जाता है. जिस तरह से किसी जिंदा इंसान को तकलीफ होती है, उसी तरह सजीव रहने वाले वृक्षों को भी कष्ट होता है. पेडों का जीवनमान लंबा रखने के लिए जरुरी है कि, उन्हें किसी भी तरह की कोई तकलीफ न दी जाए और पर्यावरण की दृष्टि से पेडों के संवर्धन की ओर ध्यान दिया जाए. इस आशय का आवाहन पर्यावरण प्रेमियों द्बारा किया गया है.
* 1 लाख वृक्षारोपण का संकल्प
राज्य सरकार द्बारा प्रतिवर्ष करोडों झाड लगाकर महाराष्ट्र को हरा भरा करने का प्रयास किया जा रहा है. अमरावती मनपा द्बारा गत वर्ष 5 हजार पौधे लगाए गए थे. वहीं इस वर्ष जुलाई माह के अंत तक 28 हजार पौधे लगाए जा चुके है. मनपा द्बारा जारी मौसम के दौरान शहर के विविध क्षेत्रों में 1 लाख पेड लगाने का मानस व्यक्त किया गया है.
* विज्ञापन के लिए पेड पर कील ठोंककर अथवा तार बांधकर बैनर, पोस्टर लटकाने से पेडों को नुकसान पहुंचता है. साथ ही शहर का सौंदर्यीकरण भी बाधित होता है. ऐसे में पेडा पर विज्ञापन लगाने या पेड को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ अब अपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. इसे लेकर बाजार परवाना विभाग को आवश्यक निर्देश दिया जा चुका है.
– देविदास पवार,
मनपा आयुक्त.

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