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आज विश्व एड्स दिवस पर विशेष
अमरावती/दि.1 – इस वक्त कोरोना की संक्रामक महामारी की वजह से पूरी दुनिया हैरान-परेशान है. वहीं दूसरी ओर किसी समय पूरी दुनिया को हैरान-परेशान करनेवाली एचआईवी यानी एड्स की संक्रामक बीमारी के मामले अब विगत कुछ वर्षों के दौरान घटते दिखाई दे रहे है. अकेले अमरावती जिले में ही यदि विगत 13 वर्षों के आंकडों को देखा जाये तो विगत चार-पांच वर्षों से एड्सग्रस्त मरीजों की संख्या लगातार घट रही है. हालांकि जारी वर्ष में कोरोना एवं लॉकडाउन की वजह से उपजे हालात के चलते एड्स से संबंधित टेस्टिंग ही नहीं हुई. यह भी जारी वर्ष में आंकडे कम रहने की एक वजह हो सकती है.
बता दें कि, विगत मार्च माह से लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद एआरटी सेंटर को बंद कर दिया गया. इस सेंटर के अलावा एड्स से संदेहित मरीजों की टेस्ट करने का अन्य कोई दूसरा साधन उपलब्ध नहीं था. साथ ही यातायात की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में मार्च से अगस्त माह के दौरान एचआईवी टेस्ट करने का कोई जरिया उपलब्ध नहीं था और अब सितंबर से एचआईवी जांच को गतिमान किया गया है. इस आशय की जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय साखरे ने बताया कि, जारी वर्ष में अब तक कुल 390 पॉजीटिव केसेस पाये गये है. साथ ही लॉकडाउन काल के दौरान एचआईवी पॉजीटिव मरीजोें को असुविधा का सामना न करना पडे, इस हेतु जिला सामान्य अस्पताल व एआरटी सेंटर की टीम ने मरीजों को घर पहुंच औषधोपचार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की थी.
- इस बार कोरोना की वजह से एचआईवी टेस्ट का प्रमाण काफी नगण्य था. देह व्यवसाय में लिप्त महिलाओं के लिए जांच शिविर भी आयोजीत नहीं हुए. ऐसे में मार्च से अगस्त माह तक बेहद कम प्रमाण में टेस्टिंग हुई. जिसकी वजह से इस बार एचआईवी बाधितोें की संख्या तुलनात्मक रूप से कम देखी जा रही है.
– अजय साखरे
जिला कार्यक्रम अधिकारी