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सेना में हुई बगावत को लेकर छिडा ‘होर्डिंग युध्द’

शहर सहित जिले में राजनीतिक वातावरण तपा

* जिले में ठाकरे समर्थक शिवसैनिकों की संख्या अधिक
अमरावती/दि.2 शिवसेना से बगावत करनेवाले एकनाथ शिंदे अब राज्य के नये मुख्यमंत्री है और गुरूवार से महाराष्ट्र में ‘शिंदे-शाही’ का दौर शुरू हो गया है. शिवसेना से बगावत करते हुए राज्य की सत्ता हथियानेवाले एकनाथ शिंदे ने अपने साथ रहनेवाले गुट को असली शिवसेना बताया है. लेकिन सेना में अब भी एक तरह से बगावत व दो फाड का माहौल है और शिवसेना दो हिस्सों में बटी हुई नजर आ रही है, क्योंकि संगठनात्मक स्तर पर शिवसेना के ज्यादातर पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि अब भी शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के समर्थन में है और स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों द्वारा होर्डिंग लगाते हुए शक्ति प्रदर्शन करने के साथ ही खुद को शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे के पक्ष में बताया जा रहा है.
आम शिवसैनिकों में शिवसेना से बगावत करनेवाले एकनाथ शिंदे को लेकर नाराजगी देखी जा रही है, ऐसा इन सभी होर्डिंग को देखकर पता चलता है. उल्लेखनीय है कि, जिले में शिवसेना का कोई सांसद या विधायक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद आम शिवसैनिक पूरी तरह से उध्दव ठाकरे के साथ खडे दिखाई दे रहे है. शिवसैनिकों का मानना है कि, उन्हें सत्ता या पद की लालच नहीं है, बल्कि शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे की शिवसेना अपने आप में पूरी तरह से सक्षम है.

* समर्थकों में हैं अच्छी-खासी नाराजी
शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे से दगाबाजी करते हुए भाजपा की मदद लेते हुए मुख्यमंत्री बननेवाले बागी नेता एकनाथ शिंदे को लेकर आम शिवसैनिकों में अच्छी-खासी नाराजगी है.

* शिवसेना का मुख्यमंत्री बनना खुशी की बात
शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे व सांसद संजय राउत ने भी मुख्यमंत्री शिवसेना का होना चाहिए, ऐसी इच्छा व्यक्त की थी और आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर एकनाथ शिंदे के रूप में एक आम शिवसैनिक विराजमान है, यह एक तरह से खुशी की बात है.
– अनंत गुढे
पूर्व सांसद

शिवसेना में पहले से ही वरिष्ठों के आदेश का पालन करने की परंपरा चली आ रही है. लेकिन भाजपा ने एकनाथ शिंदे को अपनी ओर मिलाते हुए सत्ता संघर्ष की चिंगारी को हवा दी है. इस खेल में भाजपा पूरी तरह से सफल हो गई है.
– विजय लोणकर
शिवसैनिक

* एक ओर उध्दव सेना
अमरावती यह शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे की ननिहाल है. यहीं वजह है कि, अमरावती और शिवसेना का अपने आप में बेहद अटूट रिश्ता रहा और इसी वजह से अमरावती जिले के शिवसैनिकों की ठाकरे परिवार के प्रति आस्था अधिक है.

* दूसरी ओर शिंदे सेना
शिवसेना से बगावत करने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बननेवाले एकनाथ शिंदे इससे पहले ढाई वर्ष तक राज्य सरकार में अलग-अलग मंत्री पदों पर रहे और विगत ढाई वर्ष के दौरान नगर विकास मंत्री पद पर रहते समय वे एक बार भी अमरावती जिले के दौरे पर नहीं आये. ऐसे में स्थानीय स्तर पर शिंदे गुट का कोई प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा.

पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के समर्थन में बडनेरा स्थित नई बस्ती के जयहिंद चौक सहित अमरावती शहर के हृदयस्थल कहे जाते राजकमल चौक में बडे-बडे होर्डिंग लगाये गये है. जिसके जरिये यह दर्शाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है कि, अमरावती शहर के शिवसैनिक पूरी तरह से शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के पक्ष में है.

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