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25 मार्च को होली, रंगों का करोडों का कारोबार

पिचकारी, गुलाल से सजे मार्केट

* 5 करोड के बिजनेस का अनुमान
अमरावती/ दि. 15- 10 दिनों बाद आ रहे होली के त्यौहार के लिए मार्केट में रंग, पिचकारी, गुलाल और गुजिया की तैयारी हो गई है. शहर के दोनों प्रमुख रंग रसायन विक्रेता बारामती वाला तथा जयपुर वाला की दुकानों पर गांव देहात से आनेवाले व्यापारियों ने भरपूर स्टॉक के लिए खरीदारी शुरू कर दी है. व्यापारियों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि रविवार- सोमवार से ग्राहकी और जोर पकडेगी. बारामती वाला फर्म का कमल ब्रांड और जयपुरवाला का पंजा ब्रांड गुलाल पूरे विदर्भ में फेमस है. लोग यही दो ब्रांड प्रमुखता से एक दूसरे के गाल सजाने के लिए उपयोग में लाते हैं. युसूफ भाई बारामतीवाला ने बताया कि अच्छी क्वालिटी का गुलाल 60 रूपए किलो हैं. गुलाल और रंगों के रेट में पिछले वर्ष की तुलना में खास फर्क नहीं पडा हैं.
* पिचकारी में व्यापक रेंज
उधर मोची गली में पिचकारी के होलसेल व्यापारी अमित गोयल से अमरावती मंडल ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि गांव देहात और शहर के विभिन्न भागों में पिचकारी तथा होली के आयटमों की 500 से अधिक दुकानें सजेगी. निश्चित ही एक दो करोड का बिजनेस का अनुमान लगाया जा सकता है. अमित ने बताया कि 50 रूपए से लेकर 500 रूपए तक पिचकारी विभिन्न आकार में उपलब्ध है. बच्चों को आकर्षित करने कंपनियों ने उनके पसंदीदा कार्टून किरदार के साथ अब पीठ पर लादने और पाइप से हाथों से रंग भरा पानी उछालने के आइटम विविध रेंज में बनाए हैं.
* गाठी का माल तैयार, विक्री शुरू
शहर और परिसर में शक्कर से गाठी बनाने के कई कारखाने हैं. इन्हीं दिनों में इन कारखानों में गाठी बनाने का काम चरम पर होता है. वह तेज होने की जानकारी देते हुए साहू ने बताया कि रेट लगभग पिछले वर्ष जितने ही हैं. गाठी की साइज और लडियों की लंबाई एवं सजावट के आधार पर भाव रहते हैं. गांवों में भी अब से गुढी पाडवा तक गाठी का सीजन रहने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विक्री हो रही है. होल सेल में आडर्स लिए जा रहे हैं. बता दे कि गाडगे नगर से लेकर रवि नगर, दस्तुर नगर, साईनगर तक गाठियों की भी दुकानें होली पर सजती है. इस बार होली 24 मार्च रविवार को दहन एवं अगले दिन सोमवार 25 मार्च को धुलीवंदन हैं.
* उपले बनाए जा रहे जमकर
मवेशी पालकों के यहां जमकर उपले बनाए जा रहे हैं. अलग- अलग आकार के उपले की माला अब शहरों में विक्री के लिए उपलब्ध रहने की जानकारी पूजा सामग्री की दुकान संचालित करते मुकेश भाई ने दी. उन्होने बताया कि पर्यावरण प्रेमी लकडी की बजाय उपले की होली को प्राथमिकता दे रहे हैं. जिससे गोधन से बनाए गये उपलों की विक्री हर वर्ष बढ रही हैं.
* मिठाईयों की तैयारी
होली पर मिठाईयों की खासी विक्री होती हैं. लोग एक दूसरे को गुलाल मलने के बाद मिठाई का आग्रह करने का रिवाज हैं. परकोटे के भीतर इन रिवाजों का चलन कायम हैं. मिठाई दुकानदारों पूनमचंद, दुग्धपूर्णा, भोला हलवाई ने अमरावती मंडल को बातचीत में बताया कि मिठाईयों की तैयारी हो रही है. मुख्य रूप से गुजिया का चलन हाल के वर्षो में बढने की जानकारी रघुवीर के संचालक दिलीपभाई पोपट ने दी. उन्होंने बताया कि गुजिया की काफी रेंज रघुवीर के सभी मिठाई शोरूम में उपलब्ध रहेगी.

 

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