पानी के लिए अवकाश, हैंडपंप के कारण गांव में विवाद
ग्रीष्मकाल शुरु होते ही जल किल्लत

* ग्रामीण क्षेत्र में 6 हजार हैंडपंप, 47 बंद अवस्था में
अमरावती /दि.18– ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को भटकना न पडे, इसलिए गांव-गांव में हैंडपंप शुरु किये गये है. उचित व्यवस्थापन के अभाव में हैंडपंप बंद पडी अवस्था में है. अब ग्रीष्मकाल में जलकिल्लत का सामना करना पड रहा है. इस कारण बंद पडे हैंडपंप के कारण विवाद भी निर्माण हो रहे है. एक गुंड पानी के लिए नौकरी पर भी जाना मुश्किल हो रहा है. पहले हैंडपंप बैठाने के साथ दुरुस्ती का काम जिला परिषद के तकनीकी विभाग की तरफ से किया जाता था. 6 हजार 25 में से 5 हजार 978 हैंडपंप शुरु है. वर्तमान में 47 हैंडपंप बंद है. इस विभाग के पास फिलहाल 7 दल कार्यरत है. विशेष यानि इस विभाग के पास खुद का वाहन, दुरुस्ती के लिए लगने वाले मजदूर ग्रामपंचायत द्वारा देना अपेक्षित था. लेकिन जिले में ग्रामपंचायत के पास पिछले कुछ सालों से लाखों रुपए की वसूली बकाया है, ऐसा रहते हुए गांव कसबों में हैंडपंप बंद रहने पर इस बाबत शिकायत संबंधित ग्रामपंचायत द्वारा पंचायत समिति के पास करने पर गांव में हैंडपंप देखरेख व दुरुस्ती दल जाकर हैंडपंप दुरुस्ती का काम करता है.
* ग्रामपंचायत की शिकायत
841 ग्रामपंचातय क्षेत्र में करीबन 6 हजार 125 हैंडपंप है. इसमें से फिलहाल 47 हैंडपंप बंद है. इस कारण हैंडपंप बंद रहने की शिकायत संबंधित ग्रामपंचायत की तरफ से पंचायत समिति के पास की जाती है. लेकिन कम मनुष्यबल के अभाव में दुरुस्ती का काम समय पर नहीं हो पाता. इस कारण अनेक बार प्रतिक्षा करनी पडती है.
* हैंडपंप दुरुस्ती की जिम्मेदारी किसकी?
हैंडपंप में खराबी रहने की ग्रामपंचायत द्वारा शिकायत करने के बाद जिला परिषद के यांत्रिकी विभाग की तरफ से प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर देखरेख व दुरुस्ती दल नियुक्त किया गया है. उनके माध्यम से ही हैंडपंप दुरुस्ती की जिम्मेदारी पूर्ण की जाती है.
* कुएं सुखे
ग्रीष्मकाल शुरु होते ही मेलघाट तथा गैर आदिवासी क्षेत्र के कुछ गांव में जलस्त्रोत सुख जाते है. इस कारण पेयजल के प्रश्न का निर्माण होता है. इस पर किल्लत प्रारुप से उपाय योजना की जाती है.
* दुरुस्ती का खर्च दिया जाता है
ग्रामपंचायत क्षेत्र में स्थित हैंडपंप बंद पडे थे. ग्रामपंचायत के पास शिकायत की जाती है और ग्रामपंचायत की तरफ से पंचायत समिति तक यह सूचना दी जाती है. इसके लिए केवल 2500 रुपए शुल्क अदा करना पडता है. अनेक बार समय पर काम नहीं हो पाता.
* टैंकर और हैंडपंप के लिए हंगामा
ग्रीष्मकाल में मेलघाट के कुछ गांव में पेयजल की किल्लत महसूस होती है. इस कारण ऐसे गांव के नागरिकों की प्यास हैंडपंप अथवा टैंकर के पानी से बुझाई जाती है. इस पानी के लिए काफी हंगामा होता है.
* दुरुस्ती के काम किये जाते है
ग्रामीण क्षेत्र में हैंडपंप बंद रहे, तो संबंधित ग्रामपंचायत की तरफ से शिकायतें आती है. पंचायत समिति में नियुक्त किये देखरेख व दुरुस्ती दल द्वारा दुरुस्ती का काम किया जाता है.
– प्रमोद कराले,
उपअभियंता, यांत्रिकी विभाग.
* किस तहसील में कितने हैंडपंप?
तहसील हैंडपंप की संख्या
अमरावती 638
अंजनगांव सुर्जी 208
भातकुली 320
दर्यापुर 97
अचलपुर 592
चांदूर बजार 421
चांदूर रेल्वे 400
नांदगांव खंडेश्वर 784
चिखलदरा 409
धारणी 541
धामणगांव रेल्वे 547
तिवसा 420
मोर्शी 300
वरुड 348