‘खून से अपने सींचा जिन्होंने चमन, उन शहीदों को अर्पित है श्रद्धासुमन’
सप्तरंगी हिन्दी साहित्य संस्था की आमसभा
* काव्यगोष्ठी का भी आयोजन
अमरावती/दि.4-सप्तरंगी हिन्दी साहित्य संस्था की आमसभा हाल ही में हुई. आमसभा के पश्चात तुलसी जयंती व आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया. आमसभा में प्रस्तावना मनोहर तिखिले ने रखी. तथा सचिव श्याम दम्मानी नीलेश ने अगले कार्यक्रम की रुपरेखा समझाई. आमसभा के बाद शंकर भुतडा की अध्यक्षता में हुई काव्यगोष्ठी का सफल संचालन प्रीतम जौनपुरी ने किया. सर्वप्रथम दीपक सूर्यवंशी ने अपनी गजल द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. काव्यगोष्ठी में प्रीतम जौनपुरी ने देशभक्ति पर रचना पेश की. खून से अपने सींचा जिन्होंने चमन-उन शहीदों को अर्पित है श्रद्धासुमन, इस देशभक्ति रचना ने उपस्थितों को भावविभोर कर दिया. कार्यक्रम में चंद्रभान किल्लेदार ने – दुकानें लूटने व मारकाट करने से वे जानवर बाज न आये, अब उन्हें इन्सान कैसे कहा जाए, यह रचना पेश कर देश के हालात बयां किए. दीपक दुबे अकेला ने अपनी गजल द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं नीलिमा भोजने – नीलम ने गंभीर रचना सुना कर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया. अपने और परायों की बेरूखी पर मोतीराम हरजीकर ने कहा-ने अपने काम के, न पराये काम के, रिश्ते तो है बस नाम के. काव्यगोष्ठी में शंकर भुतडा ने तुलसीदासजी की रचना सुनाकर खूब वाहीवाही लूटी. इस अवसर पर लक्ष्मीकांत खंडेलवाल ने भी बढियां रचना प्रस्तुत की. उपस्थितों का आभार राजेश व्यास ने व्यक्त किया.