विवाह समारोह में मिले उपहार के पैसे से शुरू किया गृह उद्योग : 205 महिलाओं को रोजगार
गृह उद्योग की स्थापना से महिला सशक्तिकरण की ‘उड़ान’
अमरावती / दि. 1- भंडारा जिले में दावडीपारा तहसील मोहाड़ी की जूही सतीश उजवाने आज गृह उद्योग कारोबार में एक सफल महिला हैं. जूही 2012-2016 के दौरान वसुधाताई देशमुख कॉलेज ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, पाला से ने अपनी शिक्षा पूरी की. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी होने के कारण कार्य अनुभव के तौर पर जूही को पुणे की एक प्रतिष्ठित बिस्किट निर्माता कंपनी में नौकरी मिल गई. नौकरी करते हुए जूही अपनी नौकरी से हटकर कुछ अलग करना चाहती थीं. अपने पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने कृषि पर आधारित एक छोटा व्यवसाय शुरू किया. जब जूही घर आईं तो उन्होंने घर से दूर काम करने की बजाय अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. खाद्य प्रौद्योगिकी से प्राप्त शिक्षा से जूही ने गृह उद्योग स्थापित करने का निर्णय लिया. इसके लिए जूही ने अपने पिता के मार्गदर्शन और आत्मविश्वास के दम पर उड़ान गृह उद्योग की स्थापना की.
शिक्षा से आपको क्या मिलता है? इस प्रश्न का वर्तमान उत्तर रोजगार होगा. लेकिन इस प्रश्न का वास्तविक उत्तर एक सफल लक्ष्य को साकार करने की अवधारणा और क्षमता है. यह कमी आज के विद्यार्थियों में से महसूस की जाती है. केवल नौकरी करने का यह छात्रों की अवधारणा और क्षमता को सीमित कर रहा है. जो लोग अपनी शिक्षा के माध्यम से स्व-निर्मित बने, उन्होंने शून्य से एक विश्व का निर्माण करके दूसरों को सशक्त बनाया. यह एक लक्ष्य-उन्मुख युवा महिला की सफलता की कहानी है. जिस के उपलब्धि की ‘उड़ान’ आज सात समुद्र से भी आगे तक जाती है.
* गांव की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध
ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी जूही ने अपने गांव क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार मुहैया कराया. इसमें विधवाएं, जरूरतमंद महिलाएं शामिल थीं. ‘उड़ान गृह उद्योग के माध्यम से, क्षेत्र में कृषि पर शोध करके व्यवसाय को साकार किया गया. इसके लिए तीन सामग्री हल्दी, मिर्च और धनिया पाउडर का उत्पादन और बिक्री शुरू की गई. जूही ने खाद्य प्रौद्योगिकी शिक्षा और कार्य अनुभव के माध्यम से व्यवसाय का विपणन किया. वास्तविक उत्पादन के कारण उड़ान उद्योग ने बाजार में मांग बढ़ा दी है.
महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया.
205 महिलाओं को रोजगार
वसुधाताई देशमुख कॉलेज ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, पाला से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद जूही को पुणे की एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी मिल गई. लेकिन जूही ने सपना संजोया था कि उनका खुद का बिजनेस हो. शादी समारोह के दौरान जूही को 1 लाख 85 हजार रुपये का उपहार मिला. इन्हीं पैसों के दम पर जूही ने उड़ान गृह उद्योग की स्थापना की. जिसमें शुरुआत में 7 महिला कर्मचारी थीं, अब 205 महिलाएं कार्यरत हैं. बिजनेस ही नहीं, जूही उजवाने कई संस्थानों, कॉलेजों और ट्रेनिंग कैंपों में स्वरोजगार के लिए भी मार्गदर्शन दे रही हैं.