अमरावती

घर बनाना हुआ महंगा

सिमेंट, लोहा, गिट्टी व रेती के भाव बढे

अमरावती प्रतिनिधि/दि.३० – कोरोना की वजह से जारी किये गये लॉकडाउन एवं विभिन्न प्रतिबंधों की वजह से भवन निर्माण कार्य में लगनेवाले साहित्य के दाम बढ गये है. जहां एक ओर पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढने से भवन निर्माण व्यवसायियों की माल ढुलाई लागत बढ गयी है. वहीं अब सिमेंट, लोहा, गिट्टी और रेती जैसे भवन निर्माण साहित्य के भी दाम आसमान छूने लगे है. जिसकी वजह से अब घरों का निर्माण करना कुछ हद तक महंगा हो गया है.
उल्लेखनीय है कि, पेट्रोलियम पदार्थों में हुई दरवृध्दि की वजह से इस समय सभी क्षेत्र महंगाई की समस्या से जूझ रहे है. जिससे भवन निर्माण क्षेत्र भी अछूता नहीं है. इस सेक्टर में कोरोना संक्रमण की वजह से लागू किये गये लॉकडाउन के चलते लंबे समय तक काम बंद रहा, और लॉकडाउन काल के दौरान परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं रहने के चलते माल ढुलाई भी बंद रही. जिसकी वजह से भवन निर्माण साहित्य की बडे पैमाने पर किल्लत पैदा हो गयी. यह भी भवन निर्माण साहित्य के दाम बढने की एक वजह रही. लॉकडाउन पश्चात रियल इस्टेट सेक्टर को गतिमान करने हेतु यद्यपि राज्य सरकार ने मुद्रांक शुल्क को घटाया है, लेकिन निर्माण साहित्य की दरों सहित इंधन दरवृध्दि को भी नियंत्रित किये जाने की सख्त जरूरत है. ताकि संतुलन बना रह सके. ऐसी मांग भवन निर्माण व्यवसायी एवं इस क्षेत्र से जुडे लोगोें द्वारा की जा रही है. बता दें कि, भवन निर्माण साहित्य के दाम बढने का सीधा असर निर्माण कार्यों की रफ्तार पर भी पड रहा है. लॉकडाउन की वजह से लंबे समय तक काम बंद रहा. साथ ही अब दरवृध्दि का नया संकट भी सामने आ गया है. ऐसे में हजारों लोगों को रोजगार देनेवाले रियल ईस्टेट सेक्टर में बेरोजगारी का खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है.

  • क्योें बढे निर्माण साहित्य के दाम

दीपावली के बाद भवन निर्माण साहित्य के दाम हमेशा ही बढते है. क्योेंकि इसी वक्त के आसपास नये निर्माण कार्यों की शुरूआत होती है. लेकिन इस बार भवन निर्माण साहित्य की दरें बढने के पीछे अन्य कई वजहें रही. इस बार अतिवृष्टि होने की वजह से ईट भट्टियों की ईटें फुट गयी. जिससे ईटोें की किल्लत पैदा हो गयी और ईटोें के दाम बढ गये. साथ ही ईटों की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल परिणाम हुआ. इसी तरह नदियों में बाढ रहने के चलते बडे पैमाने पर रेत बह गयी और अब रेत भी काफी उंची दरों पर बिक रही है. इसी तरह सिमेंट और लोहा भी इंधन दरवृध्दि की वजह से उंची दरों पर मिल रहा है.

  • बांधकाम साहित्य की तुलनात्मक दरें

साहित्य                 पहले            अब
रेती (ब्रास)              6000         8000
गिट्टी (प्रति ट्रक)    2500          3500
ईट (प्रति नग)          5                7
सिमेंट (प्रति बैग)    280            340
लोहा (प्रति किलो)    34               55

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