अमरावती

इर्विन के पेडियाट्रिक वार्ड में घर जैसा वातावरण

बच्चों के स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वच्छता पर दिया जा रहा विशेष ध्यान

अमरावती/दि.1 – बच्चों को अपने ही घर में है, ऐसा अहसास दिलाने वाला बालरुग्ण कक्ष (पेडियाट्रीक वार्ड) जिला सामान्य अस्पताल में तैयार किया गया है. डॉक्टर, दवाईयां, इंजेक्शन यह बालकों के लिये पसंद न आने वाला विषय है, इससे दूर रहने के लिये वे हमेशा इनकार करते रहते हैं. रोेते हैं, चीखते-चिल्लाते है, ऐसे में अस्पताल में उन पर उपचार करना असंभव है. इस कारण उन पर उपचार करते समय घरेलू व स्वच्छ वातावरण होना आवश्यक है. इस तरह का बालरुग्ण कक्ष तैयार किया गया है.
उचित निदान व उसके अनुसार योग्य उपचार मिलना ही छोटे बच्चों के लिये अत्यंत आवश्यक बात है. इसके लिए तज्ञ शल्य चिकित्सक, सुसस्ज ऑपरेशन थिएटर, फिजिओथेरपी की अत्यंत आवश्यकता होती है. हंसता-खेलता बचपन हरएक बच्चे का अधिकार है व प्रत्येक घर की जरुरत भी है. ऐसे ही बच्चों को घर होने का अनुभव देने वाला इर्विन अस्पताल के 5 नंबर का बाल रुग्णालय कक्ष है. इस ओर सुसज्ज सुविधा और स्वच्छता की दृष्टि से विशेष ध्यान दिया जाता है. इसके साथ ही इस कक्ष में दिन की शुरुआत में ही सामूहिक प्रार्थना ली जाती है. इस कारण बच्चों को एक तरह का संस्कार दिया जा रहा है.
सरकारी अस्पताल कहा जाये तो अस्वच्छता, दवाईयों का बास, सुविधा का अभाव जिससे मरीजों के हाल होते हैं. इस कारण शासकीय अस्पतालों की ओर अधिकांश मरीज,रिश्तेदार दुर्लक्ष करते हैं. लेकिन सर्वसामान्य नागरिकों के लिये शासकीय अस्पताल के अतिरिक्त दूसरा पर्याय नहीं है. बचपन से लेकर वृध्द होने तक उपचारार्थ शासकीय अस्पताल यह एकमात्र पर्याय उनके सामने रहता है.इस कारण नाईलाज मरीजों के रिश्तेदारों को सरकारी अस्पताल में दाखिल करना पड़ता है.
गत वर्ष कोरोना सहित सारी की बीमारी ने सभी ओर पैर पसारे थे. इर्विन अस्पताल का सारी वार्ड मरीजों से फूल होने के कारण पेडियाट्रिक वार्ड में सारी के मरीज रखे गये थे. वहीं यहां का बालरुग्ण कक्ष दूसरी तरफ यानि आयसीयू के पास के पेईंग वार्ड की ओर रखा गया था. 5 नंबर यह सारी वार्ड होने के कारण इसमें 200 के करीब मरीजों पर उपचार किये जाने की जानकारी परिचारिका मीना भालेराव ने दी. दरमियान बीच में सारी के मरीज कम होने से फिर से इर्विन में पूर्ववत पेडियाट्रिक वार्ड 5 नंबर कक्ष मेंं शुरु किया गया है. इसमें बालकों को लगने वाले नये सुसज्ज स्वास्थ्य साहित्य, स्वच्छता रखी जा रही है. विशेष रुप से इस कक्ष में दैनंदिन इतनी शक्ति हमें देना दाता… इस प्रार्थना से शुरुआत की जाती है.
फिलहाल की स्थिति में विविध बीमारियों पर 14 मरीज उपचार ले रहे हैं. यहां के सकारात्मक वातावरण को देख बच्चों की माताएं प्रसन्नता व्यक्त कर रही है. इसके साथ ही जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम व यहां कार्यान्वित टीम व्दारा इस ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

बालकों की पसंद पर दिया विशेष ध्यान

इर्विन अस्पताल के 5 नंबर का कक्ष पेडियाट्रिक वार्ड न होकर छोटे बच्चों के लिए घर बन गया है.यहां पर हर रोज प्रार्थना ली जाती है. स्वच्छता पर ध्यान देने के साथ ही बच्चों के लिए खिलौने उपलब्ध करवाये गये हैं.जिससे बच्चों को सकारात्मक ऊर्जा मिल रही है.
– ललिता अटालकर, अधिसेविका

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