अमरावती

आमझरी-शहापुर में साकार होगा ‘शहद का गांव’

हनी बी ब्रँड सेंटर साकार किया जायेगा

* जीआय मानांकन के लिए हो रहे प्रयास
अमरावती/दि.13– आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की चिखलदरा तहसील अंतर्गत आमझरी पर्यटन संकुल में शामिल आमझरी व शहापुर गांव को अब ‘शहद का गांव’ बनाया जायेगा. इसके लिए गांव में उत्पादित होनेवाले शहद की ब्राँडींग भी की जायेगी और इस हेतु जीआय मानांकन भी प्राप्त किया जायेगा. खादी ग्रामोद्योग मंडल की सहायता से आमझरी-शहापुर गांव में शहद के क्लस्टर की स्थापना का प्रस्ताव मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास पेश किया जा चुका है.
बता दें कि, विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा के पर्वतीय इलाकों में स्थानीय आदिवासियों द्वारा बडे पैमाने पर जंगली शहद को संकलित करने का व्यवसाय किया जाता है. ऐसे में स्थानीय आदिवासियों को रोजगार मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए चिखलदरा व धारणी तहसील के करीब 150 शहद संकलक आदिवासियों को अहिंसक पध्दति से शहद निकालने का प्रशिक्षण देने के साथ ही शहद संकलन करने हेतु आवश्यक टूल कीट का वितरण किया गया है. इसके अलावा खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा इस स्फूर्ती योजना के जरिये शहद के शुध्दीकरण, बॉटलिंग व पैकिंग की व्यवस्था भी की गई है. स्फूर्ती क्लस्टर में 120 पंजीकृत शहद संकलकों को प्रशिक्षण दिया गया है. जिसके लिए शहापुर सहित सिपना महाविद्यालय में हनी कलेक्शन शुध्दीकरण सेेंटर की स्थापना की गई है.
बता देें कि, चिखलदरा तहसील में उत्पादित होनेवाले शहद को योग्य दाम मिले और इस जरिये क्षेत्र के आदिवासियों को समूचित रोजगार मिले, इस हेतु मेलघाट क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल प्रयासशिल रहते है. ज्ञात रहे कि, मेलघाट में ‘रॉक बी’ नामक आग्या व सातेरी प्रजाति का शहद आदिवासियों द्वारा बडे पैमाने पर संकलित किया जाता है.
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार की मधु केंद्र योजना के अंतर्गत यह उपक्रम चलाया जायेगा. जिसके लिए शहद की बिक्री हेतु आमझरी पर्यटन संकुल, चिखलदरा पर्यटन स्थल तथा शहापुर में खादी ग्रामोद्योग मंडल द्वारा शहद बिक्री केंद्र शुरू किये जायेंगे. जिला नियोजन समिती के जरिये आमझरी पर्यटन संकुल रहनेवाले गांव के विकास हेतु सभी योजनाओें का एकत्रीकरण करते हुए विकास प्रारूप तैयार करने की संकल्पना खादी ग्रामोद्योग मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु सिन्हा द्वारा जिलाधीश पवनीत कौर के सामने रखी गई है.
सेंद्रिय शहद के उत्पादन का प्रयास करने हेतु जिलाधिकारी, तहसीलदार, वन परिक्षेत्र अधिकारी, वन्यजीव विभाग, पंचायत समिती, संवर्ग विकास अधिकारी, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, केवीआयसी व स्फूर्ती क्लस्टर का समावेश करते हुए प्रशासकीय समिती गठित की गई है. मेलघाट से प्राप्त होनेवाले मल्टीप्लोरा शहद में औषधीय गुणधर्म रहने के चलते कोविड संक्रमण काल के दौरान इस शहद की मांग में बडे पैमाने पर इजाफा हुआ था.

Related Articles

Back to top button