मातोश्री नलिनीताई पांढरीकर का सम्मान सभी के लिए प्रेरणादायी : देशमुख
अमरावती/दि.26– जहां पढ़ना दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है, वहीं 94 वर्षीय मातोश्री नलिनीताई श्रीधरराव पांढरीकर नियमित रूप से अपने बेटे से किताबें मांगकर हमारी लाइब्रेरी से पढ़ते हैं. वे जो पढ़ते हैं उस पर चर्चा करते हैं, उनकी याददाश्त बरकरार है और वे इसका श्रेय पुस्तकालय को देते हैं. वाचन प्रेरणा दिवस हमारे अनुरोध का सम्मान करता है और हमें दिए गए अवसर को नहीं, बल्कि अभिनंदन को स्वीकार करने में शामिल वे होती है.
मातोश्री नलिनीताई का गोविंद कासट मित्र परिवार ने किया सम्मान प्रेरणा दायी है, इस आशय का कथन सार्वजानिक ग्रंथालय नांदगांव पेठ के राजन देशमुख ने किया. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब के जन्मदिन के अवसर पर ग्रंथालय में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर जिप सदस्य नितिन हटवार, अनिल बेले, अनिल वानखड़े, राजन देशमुख, सुंदरकर गुरुजी, आईएम सैयद, काशीराम चंदूरकर, रवींद्र राऊत, स्वप्निल देशमुख, गणेश हेरुडकर, संदीप अकोलकर, शफी न्याजी, अंजुम फिरदोस, अल्फिया हिदायत खान, स्नेहल मुले , अंजू ताई पांढरीकर, दत्ता पांढरीकर, मंगला पांढरीकर, कंचन पांढरीकर एवं पाठक वर्ग, नागरिक उपस्थित थे.