मनपा स्थायी समिति में ‘बायोमायनिंग’ के घोडे अडे
मतदान लेन पर एकमत, बैठक की तारीख बदलने से सदस्य आक्रमक
अमरावती – मनपा सत्ता पक्ष का महत्वपूर्ण रहने वाला ‘बायोमायनिंग’ प्रोजेक्ट मंजूरी की यात्रा कठिन होते जा रही है. स्थायी समिति में गुरुवार को इस विषय पर चर्चा न होते हुए 2 फरवरी को आयोजित बैठक 3 फरवरी को कैसे ली गई, इस बात पर ज्यादा जोर था.
महापालिका अधिनियम के अनुसार स्थायी समिति की बैठक नियोजित दिन लेना अनिवार्य है. गोपाल धर्माले ने स्थायी की बैठक पर आक्षेप लिया और विरोधी सदस्यों ने धर्माले का पक्ष मजबूत किया. गुरुवार को बैठक में 15 के खिलाफ चार सदस्य ऐसा भाजपा का संख्याबल दिखाई दिया. इसके कारण आगामी स्थायी की बैठक में ‘बायोमायनिंग’ विषय पर चुनाव होगा, ऐसे संकेत है. ‘बायोमायनिंग’ प्रोजेक्ट को सर्वसाधारण सभा में मान्यता दी गई. अब यह विषय स्थायी समिति की मान्यता के लिए रखा गया है. मगर गुुरुवार की बैठक में 14 में से 10 सदस्य इस प्रोजेक्ट को मान्यता प्रदान करने के मुड में नहीं थे. भाजपा का अश्वमेघ रोकने के लिए सर्वपक्षीय विरोधक एकत्रित हुए यह हकीकत है. मगर आगामी 7 फरवरी को होने जा रही स्थायी समिति की बैठक में ‘बायोमायनिंग’ विषय पर चर्चा होकर मंजूरी प्रदान करने के लिए भाजपा को रणनीति तैयार करना पडेगा. स्थयी में भाजपा की संख्या अधिक है. परंतु ‘बायोमायनिंग’ एकला चलो कैसे बर्दाश्त किया जा रहा है, ऐसा कुछ भाजपा का कहना है.
मनपा चुनाव पर ध्यान केंद्रीत
‘बायोमायनिंग’ प्रोजेक्ट मंजूर करने और आगामी चुनाव इसके व्दारा ‘कैश’ करना ऐसी दुहेरी रणनीति भाजपा रच रही है. जिसके कारण स्वपार्टी के सदस्य भी भाजपा को सहयोग नहीं कर रहे, ऐसा दिखाई दिया. भाजपा में कुछ सदस्य पूर्व राज्यमंत्री डॉ.सुनील देशमुख के समर्थक है. इसके कारण आगामी चुनाव कमल नहीं बल्कि पंजे पर लडेंगे, इस वजह से ‘बायोमायनिंग’ में भाजपा को ‘जोर का झटका धीरे से’ देने की तैयारी है.