शहर में लावारिस कुत्तों के लिए अस्पताल
वसा संस्था की ओर से लावारिस व जख्मी श्वानों की होगी सुश्रुषा
अमरावती/दि.29– सडक पर जख्मी होने वाले अथवा बीमार पडने वाले श्वानों के लिए यहां की वसा ग्रुप की ओर से अस्पताल शुरु किया गया है. इसके माध्यम से श्वनों की देखभाल व सुश्रुषा की जा रही है. उल्लेखनीय है कि, इन श्वानों को अच्छा भोजन मिले, उनकी उत्तम देखभाल हो, इसके लिए भी वसा संस्था की यंत्रणा सुसज्ज रहती है. सडक पर हजारों की संख्या में लावारिस भटकने वाले श्वान दिखाई देते है. ऐसे श्वान सडक पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों पर अपना गुजर बसर करते है और अपने एरिया की सुरक्षा करते हैं. अनेकों बार वे लावारिस श्वान दुर्घटना में जख्मी होते हैं अथवा कुछ क्रूर प्रवृत्ति के लोग उन्हें पत्थर-लाठी से मारकर भी जख्मी कर देते हैं, कोई-कोई तो उनके शरीर पर गरम तेल, गरम पानी तक फेंक देते हैं.
कुछ तो गरम डामर उनके शरीर पर डाल देते हैं. इस प्रकार जख्मी हुए अथवा बीमार रहने वाले लावारिस श्वानों के लिए वसा संस्था ने श्री गौरक्षण संस्था के साथ मिलकर संयुक्त रुप से पांच एकड की प्रशस्त जगह में वेटरनिटी हॉस्पिटल शुरु किया है. यहां सडक पर घुमने वाले लावारिस, जख्मी श्वानों का नि:शुल्क उपचार किए जाने की जानकारी वसा संस्था के अध्यक्ष निखिल फुटाने ने दी.
नि:शुल्क अस्पताल के साथ ही जिन श्वानों को गंभीर बीमारी हो गई है, अथवा जिन्हें ठीक होने में समय लगेगा, ऐसे श्वानों को संस्था के वसा एनिमल्स रेस्क्यू सेंटर पर चाहे जितने दिन रहने की सुविधा की गई है. इसी दौरान वहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्बारा उपचार, शल्यक्रिया की जाती है. ऐसी जानकारी संस्था के सचिव गणेश अकर्ते ने दी. वसा संस्था की ओर से विश्व श्वान दिन हाल ही में मनाया गया. इस निमित्त आयोजित अन्नदान के कार्यक्रम में मुकेश वाघमारे, रोशन इंगले, आदित्य रामटेके, सिद्धार्थ मते, पीयूष सरकार, आकाश वानखडे, राजेश्वर वंजारे, आर्यन जवंजाल, ऋग्वेद भैसे, स्वप्निल भालेकर, पंकज मालावे, कार्तिक सावरकर, गणेश अकर्ते, निखिल फुटाने, शुभम सायंके, रोहित रेवालकर आदि की उपस्थिति थी.
* हम जिले भर में रेस्क्यू के लिए जाया करते हैं. किंतु हमारे पास इन जख्मी प्राणियों को लाने ले जाने के लिए एनिमल्स एम्बुलेंस नहीं है. यह एम्बुलेंस संस्था को मिलने पर रोजाना अनेक प्राणियों के समय पर प्राण बचाए जा सकते हैं.
– शुभम सायके,
अध्यक्ष, वसा संस्था अमरावती.