पुलिस ने वकील को कैसे नामजद किया?
जिला वकील संघ ने सीपी रेड्डी को निवेदन सौंपकर पूछा सवाल
* वकील को नामजद करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की उठाई मांग
अमरावती/दि.18– एक मृत व्यक्ति की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचने का प्रयास करने से संबंधित मामले में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं रहने के बावजूद भी सिटी कोतवाली पुलिस ने एड. वासुसेन देशमुख जैसे वरिष्ठ वकील के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करते हुए उन्हें आरोपी बनाया है. यह पूरी तरह से द्वेश भावना के साथ की गई कार्रवाई है. ऐसे में इस मामले की सघन जांच होनी चाहिए. साथ ही एक वरिष्ठ वकील के खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी की जांच करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. इस आशय की मांग का ज्ञापन जिला वकील संघ द्वारा आज शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में जिला वकील संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों का कहना रहा कि, कुछ लोग अपनी जमीन बेचने की बात कहते हुए एड. वसुसेन देशमुख के पास पहुंचे थे. इस समय उन लोगों द्वारा दिखाये गये दस्तावेजों के आधार पर एड. वसुसेन देशमुख ने अपनी पेशागत जिम्मेदारी के तहत एक जाहीर नोटीस जारी कर दी थी. यह नोटीस जारी ही इसलिए की जाती है कि, यदि सौंपा होने वाली जमीन के साथ किसी भी व्यक्ति का कोई हितसंबंध या लेन-देन है, तो उससे उस जमीन के सौंदे के बारे में सौंदा होने से पहले ही पता चल जाये, यहीं इस मामले में भी हुआ और खुद को जमीन का वारिसदार बताने वाले काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ को इसकी जानकारी मिली. जिसके आधार पर उन्होंने तुरंत अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए निबंधक कार्यालय पहुंचकर उस जमीन के सौंदे को समय रहते रुकवा दिया. साथ ही खुद काजी सैय्यद हिसामोद्दीन तौसिफ ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में यह कहा गया कि, उनकी जमीन की विक्री करने वाले लोगों ने एड. वी. पी. देशमुख को फर्जी दस्तावेज दिखाते हुए उनकी दिशाभूल की थी और फिर उनके जरिए जाहीर नोटीस प्रकाशित करवाते हुए आम लोगोें के साथ धोखाधडी करने का प्रयास किया था. किंतु आरोपी ऐसा कर पाने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाये. इस शिकायत से ही यह स्पष्ट है कि, एड. वी. पी. देशमुख का इस जमीन के सौंदे और धोखाधडी के मामले से प्रत्यक्ष तौर पर कोई लेना-देना नहीं था, बल्कि उन्होंने केवल एक वकील होने के नाते अपने पास पक्षकार बनकर आये लोगों की बात पर भरोसा करते हुए जाहीर नोटीस जारी की थी और उसी जाहीर नोटीस की वजह से यह पूरा मामला उजागर हुआ. लेकिन कोतवाली पुलिस ने इस बात की अनदेखी करते हुए सीधे वकील के खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया है. जो कि पूरी तरह से नियमबाह्य है. अत: ऐसा करने वाले पुलिस अधिकारी की जांच होनी चाहिए.
जिला व सत्र न्यायालय परिसर से पुलिस आयुक्तालय तक मोर्चा निकालकर ज्ञापन देने पहुंचे वकीलों में जिला बार एसो. के अध्यक्ष एड. शिरीष जाखड, सचिव एड. उमेश इंगोले, उपाध्यक्ष एड. निता तिखिले, वाचनालय सचिव एड. अभिषेक निस्ताने, कार्यकारिणी सदस्य एड. रसिका उके, एड. सुदर्शन पिंपलगावकर, एड. पीयूष डहाके, एड. पंकज यादगिरे, एड. कुशल करवा, एड. किरण यावले, एड. भूमिका वानखडे सहित 150 से 200 वकील सदस्यों का समावेश था.
* डीसीपी गणेश शिंदे करेंगे मामले की जांच
इस समय वकीलों के प्रतिनिधि मंडल की बातचीत सुनने के बाद शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने उन्हें आश्वस्त किया कि, इस मामले की शहर पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे द्वारा जांच की जाएगी और जरुरत पडने पर दोषी व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी.