कडाके की ठंड में कैसे सोते है एसटी के चालक व वाहक
ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है सुविधाओं का अभाव
अमरावती /दि.3– इस समय जिले में कडाके की ठंड पड रही है. जिसकी वजह से नाइट हॉल्ट पर ग्रामीण इलाकों में बस लेकर जाने वाले रापनि के चालकों व वाहकों को रात्रि विश्राम में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. जिन स्थानों पर रापनि के आगार है, वहां तो चालकों व वाहकों के रात्रि विश्राम के लिए थोडी बहुत व्यवस्था होती है. परंतु आगार नहीं रहने वाले गांवों में एसटी चालकों व वाहकों को अपनी ही बस के भीतर दरवाजे-खिडकी बंद करते हुए सोकर रात गुजारनी पडती है.
बता दें कि, ग्रामीण क्षेत्रों में बस स्थानक वाले स्थान पर बाहर से आकर नाइट हॉल्ट हेतु रुकने वाले चालकों व वाहकों के लिए व्यवस्थाओं का सर्वथा अभाव रहता है. जबकि पूरी रात रुकने वाले बस चालकों व वाहकों के लिए पीने हेतु साफ पानी, आराम करने हेतु बिस्तर एवं ओढने-बिछाने हेतु चादर के साथ ही स्वच्छता गृह व शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध कराना आवश्यक होता है. शहरी क्षेत्र के बस स्थानकों पर यह तमाम व्यवस्थाएं व सुविधाएं उपलब्ध होती है. परंतु ग्रामीण क्षेत्र में नाइट हॉल्ट हेतु जाने वाले चालकों व वाहकों को अपने ओढना-बिछाना अपने साथ ही लेकर जाना पडता है.
* ठंडी के साथ ही मच्छरों की तकलीफ
इस समय जहां एक ओर अच्छी खासी ठंड पड रही है, वहीं बारिश व गर्मी के मौसम दौरान ही ग्रामीण इलाकों में नाइट हॉल्ट हेतु जाने वाले एसटी बस चालकों व वाहकों को मौसम की मार के साथ-साथ मच्छरों की तकलीफ का भी सामना करना पडता है.
* सार्वजनिक शौचालय होते है अस्वच्छ
ग्रामीण क्षेत्र में नाइट हॉल्ट हेतु रुकने वाले एसटी चालकों व वाहकों को बस स्थानक परिसर में रहने वाले सार्वजनिक स्वच्छता गृह व शौचालय का प्रयोग करना पडता है. परंतु वहां पर ढंग से साफ-सफाई ही नहीं होती.
* वरिष्ठों द्वारा ध्यान दिये जाने की जरुरत
चालकों व वाहकों के लिए निवास की पर्याप्त सुविधा नहीं रहने के चलते वरिष्ठों द्वारा इस संदर्भ में ध्यान दिया जाना बेहद जरुरी है. विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में नाइट हॉल्ट हेतु जाने वाले चालकों व वाहकों को पर्याप्त सुविधाएं दी जानी चाहिए. जिनका सर्वथा अभाव रहता है, लेकिन इसके बावजूद इस समस्या पर कोई भी बोलने के लिए तैयार नहीं रहता.
* क्या कहते है चालक व वाहक?
बस डिपो में नाइट हॉल्ट काफी सुलभ होता है. जहां पर पानी व शौचालय सहित अन्य सुविधाएं मिलती है. साथ ही आगार के कर्मचारी भी मदद करते है. परंतु ग्रामीण क्षेत्र में नाइट हॉल्ट वाली बस लेकर जाने पर काफी तकलीफे सहन करनी पडती है. यदि ग्रामीण बस स्थानकों पर भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाये, तो नाइट हॉल्ट आरामदायक हो सकता है. इसकी ओर वरिष्ठ अधिकारियों ने ध्यान देना चाहिए.
* प्रत्येक डिपो में नाइट हॉल्ट पर रहने वाले चालकों व वाहकों के लिए विश्रामगृह की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है. जिसका नाइट हॉल्ट वाले चालकों व वाहकों सहित बाहरगांव से बस लेकर आने वाले चालकों व वाहकों द्वारा नियमित तौर पर प्रयोग किया जाता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंचों एवं गांव के गणमान्य लोगों द्वारा व्यवस्था की जाती है. क्योंकि छोटे-छोटे गांवों में बस स्थानक या आगार नहीं होते.
– नीलेश बेलसरे,
विभाग नियंत्रक,
रापनि, अमरावती विभाग.