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राजनेताओं की नजर में कैसा है बजट?

अमरावती/दि.1 – आगामी अप्रैल-मई माह में संसदीय आम चुनाव होने वाले है. जिसके चलते केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मौजूदा सरकार के अंतिम बजट के तौर पर अंतरिम बजट प्रस्तूत किया. यह बजट आम जनता के लिए इतना हितकारी है और लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है. इसे लेकर दैनिक अमरावती मंडल ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं व पदाधिकारियों से बात करते हुए उनकी प्रतिक्रियाएं जानी. इसके तहत अलग-अलग दलों के नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा अपनी अलग-अलग प्रतिक्र्रियाएं देते हुए बताया गया कि, उनकी नजर में यह बजट किस तरह का है.

* सभी को न्याय देने वाला बजट
केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीमारमण ने बेहद जोरदार बजट पेश किया है. जो समाज के सभी वर्गों को न्याय देने वाला बजट साबित होगा. इस बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं एवं व्यापारियों सहित समाज के सभी वर्गों के हितों का पूरा ख्याल रखा गया है. साथ ही वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र एवं वैश्विक महासत्ता बनाने की दृष्टि से कई दुरगामी निर्णय लिये गये है. जिनका आने वाले समय में सकारात्मक असर निश्चित तौर पर दिखाई देगा. साथ ही इस बजट के चलते देश की मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होने के साथ ही देश का चहूंमूखी विस्तार होगा.
– प्रवीण पोटे पाटिल,
विधान परिषद सदस्य व भाजपा शहराध्यक्ष


* चुनावी नहीं विकासपूरक है बजट
इस बजट को लेकर विपक्ष के पास यह आरोप लगाने का भी मौका नहीं है कि, यह चुनावी बजट है. क्योंकि इसमें आगामी चुनाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसी भी तरह की लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की गई है, बल्कि यह पूरी तरह से विकासपूरक बजट है. केंद्र सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च में 11 फीसद की वृद्धि की गई है. जिससे बडे पैमाने पर रोजगार की निर्मिति होगी. इसके अलावा सभी योजनाओं में टार्गेट को बढाया गया है. जिससे योजनाओं की व्याप्ति और लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी. सबसे बडी बात यह है कि, विपक्ष द्वारा जीएसटी को लेकर काफी हंगामा मचाया गया था. परंतु कर संकलन के बडे हुए आंकडों से यह स्पष्ट हो गया है कि, केंद्र सरकार द्वारा अमल में लायी गई कर संकलन प्रणाली पूरी तरह से योग्य है.
– किरण पातुरकर,
पूर्व अध्यक्ष, भाजपा शहर,
अध्यक्ष, एमआईडीसी एसो.


* सर्वांगिण, सर्वस्पर्शिय व सर्वसमावेशी बजट
पीएम मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सर्वांगिण सर्वस्पर्शिय व सर्वसमावेशी अंतरिम बजट पेश किया है. जिसमें समाज के सभी तबको का बेहद बारीकी के साथ ख्याल रखा गया है. इस बजट में 1 लाख करोड रुपयों का कॉर्पस फंड बनाया गया है. जिसके जरिए युवाओं को उद्योगों हेतु बेहद अत्यल्प ब्याजदरों पर वित्तीय सहायता मिलेगी. साथ ही लखपति निधि के लक्ष्य को भी 2 करोड से बढाकर 3 करोड किया गया है. इसके अलावा आशा वर्कर्स व अंगणवाडी सेविकाओं को आयुष्यमान भारत योजना के दायरे में लाया गया है. साथ ही किसानों व युवाओं सहित महिलाओं के हितों का भी इस बजट में पूरा ख्याल रखा गया है.
– प्रा. दिनेश सूर्यवंशी,
प्रदेश सदस्य, भाजपा.


* अत्यंत निराशाजनक अर्थसंकल्प
कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर ने आज के अतंरिम बजट को मोघम और निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव को सामने देखकर मनमानी घोषणाएं मोदी सरकार कर रही है. किसान परेशान है. उनके मुंह को पत्ते पोछे गए हैं. युवाओं और बेरोजगारों के लिए कोई नियोजन नहीं है. पेट्रोल-डीजल दाम कम किए जाने थे. वह नहीं किए गए हैं. आम आदमी को कोई राहत नहीं है उस पर टैक्स का बोझ घूमाफिराकर बढता जा रहा है. जीएसटी का कलेक्शन डबल होने पर भी 28 प्रतिशत का स्लैब रद्द नहीं किया गया है. जो दर्शाता है कि सरकार को टैक्स पेयर की परवाह नहीं है. फसलों को योग्य दाम नहीं मिल रहे हैं. प्रत्येक को अयोध्या दर्शन के लिए भेजने पर तुली सरकार के राज में कपास को 2009 जितने भी दाम नहीं मिल रहे हैं. किसान निराश है. असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. वित्त मंत्री महिला होकर पॉवरफुल रहने पर भी उन्हें केवल सरकार व्दारा दिया गया कागज पढने लगाया जा रहा है. उन्हें अपना दिमाग का उपयोग करने नहीं दिया गया. यह अत्यंत निराशाजनक बजट है. किसानों पर अन्याय करने वाला है. महंगाई का सूचकांक गगन को छू रहा है, फिर भी सरकार उपाय योजना नहीं कर रही. खाद की सबसीडी और फसलों के दाम को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है.


* बजट में विकसित भारत पर बल
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शिल्पा चौधरी पाचघरे ने अर्थसंकल्प को समावेशक और प्रधानमंंंत्री मोदी की संकल्पना के विकसित भारत पर बल देने वाला बतलाया. उन्होंने कहा कि महिलाओं और युवाओं को सशक्त करने का प्रावधान वित्त मंत्री सीतारामन ने किया है. 390 नई विद्यापीठ और स्कील इंडिया विकास के लिए प्रावधान स्वागत योग्य है. मध्यम वर्गीयों के लिए आवास योजनाओं तथा किसानों के लिए विशेष योजना का समावेश है.

* विकसित भारत का नया रोडमैप
राज्य सभा सदस्य तथा भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे ने निर्मलाजी के छठवें बजट को विकसित भारत का नया रोडमैप करार देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने सभी घटकों को समान न्याय देने का प्रयत्न किया है. मोदी सरकार जुलाई में अर्थसंकल्प प्रस्तुत करेंगी. देश के किसान, महिला, युवा, उद्योग क्षेत्र, फुटकर व्यापारियों सभी को नई उर्जा और समृद्धि की ओर ले जाने वाला बजट प्रस्तुत किया है. बजट में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जबरदस्त आत्मविश्वास झलक रहा है. डेयरी किसानों को प्रोत्साहन देने, घर-घर पेयजल, बिजली, गैस कनेक्शन, आर्थिक सुरक्षा संबंधित सुविधा, खाद्यान्न की चिंता दूर करते हुए 80 करोड भारतीयों को नि:शुल्क अनाज देने की योजना को विस्तार दिया गया है. नैनो यूरिया की कार्यकक्षा बढाई गई है. समाज के अंतिम घटक को बैंकिंग क्षेत्र से जोडने वाले प्रावधान पहले ही कमाल दिखला चुके हैं. इस बजट के लिए पीएम मोदी और वित्त मंत्री सीतारामन का आभार भी डॉ. बोंडे ने व्यक्त किया.


* सराफा को किया निराश
सराफा व्यापारी असो. के अध्यक्ष राजेंद्र भंसाली ने कहा कि भले ही अंतरिम बजट हैं, फिर भी लंबे समय से सोना, चांदी पर जीएसटी घटाए जाने की मांग की वित्त मंत्री ने अनदेखी की है. 3 प्रतिशत जीएसटी बहुत ज्यादा है. क्योंकि सोने के दाम बढे हैं. 3 प्रतिशत टैक्स घटकार एक या डेढ प्रतिशत करने की हमारी मांग कई बार वित्त मंत्री के सामने प्रस्तुत की जा चुकी है. उसी प्रकार आयात शुल्क में कटौती करने की मांग हमारे राष्ट्रीय संगठन ने थी.उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया है. इससे कीमती धातु की तस्करी को बढावा मिलने की आशंका बढी है. सरकार का टैक्स कलेक्शन बढा है. जिससे सराफा जैसे कारोबार को प्रोत्साहन देने टैक्स की दरें कम की जानी चाहिए थी. ऐसा न कर सरकार ने ही बगैर बिल के व्यवहार को एक प्रकार से कह सकते हैं कि बढावा दिया है. अतंरिम बजट से सराफा को निराशा हाथ लगी है. पूर्ण बजट के समय हमारी अपेक्षाएं पूरी होने की उम्मीद कर सकते हैं.


* जन-जन के सपने हकीकत बन रहे
सांसद नवनीत राणा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन व्दारा प्रस्तुत बजट को विकासशील बताया. उन्होंने कहा कि 2047 तक राष्ट्र को विकसित करने की योजना और काम बजट में साफ परिलक्षित हो रहा है. किसानों, महिलाओं, युवाओं को रोजगार देने वाला एवं जन-जन के सपनों को साकार करनेवाला मोदीजी का विजन बजट में है. अंतरिम बजट रहने के बावजूद इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करनेवाले प्रावधान किए गए हैं. उसी प्रकार सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जितनी घोषणाएं बजट में हो रही है, वह सभी हकीकत बनते आ रही है. निश्चित ही यह बहुत बडी और अच्छी बात है. रियल बजट इसे कह सकते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना का दायरा बढाना, उसमें और 1 करोड घरों के लिए प्रावधान करना सचमुच स्वागत योग्य, सराहनीय है. इसके लिए तो पीएम मोदी और वित्त मंत्री सीतारामन मैडम का आभार ही व्यक्त कर सकते हैं. बजट में जमीनी हकीकत को बराबर ध्यान में रखकर प्रावधान किए गए हैं. यह भी एक विशेषता हम कह सकते हैं. आशा वर्कर, अंगनवाडी के कर्मचारियों का भविष्य सुनहरा करने का प्रयत्न बजट में साफ दिखाई दे रहा है.


* मुफ्त बिजली का प्रावधान स्वागत योग्य
सीए आशीष हरकुट ने कहा कि चुनाव से पहले का अंतिम बजट रहने से सरकार ने कोई भी बडा बदलाव नहीं किया है. टैक्स रेट और टैक्स लिमिट में भी परिवर्तन नहीं किया गया है. किंतु देश को प्रगतिपथ पर आगे बढाने बंदरगाह, सडकें, मेट्रो, रेल नेटवर्क, आईआईटी, आईआईएम, एम्स की घोषणाओं से निश्चित ही अर्थव्यवस्था को बढावा मिलेगा. 300 यूनिट तक सौर उर्जा नि:शुल्क देने का प्रावधान स्वागत योग्य कहा जा सकता है. मध्यमवर्ग को खास राहत नहीं मिली है.


* राज्य की जखम पर नमक मला
मोर्शी के विधायक देेवेंद्र भुयार ने अर्थसंकल्प को महाराष्ट्र और किसानों के घावों पर नमक मलने जैसा बताया. यह भी आरोप लगाया कि जिन राज्यों में भाजपा को चुनावी सफलता मिली है, बजट में उन्हें अधिक फंड दिया जा रहा है. महाराष्ट्र के हिस्से में कुछ नहीं आया है. एक हिसाब से यह महाराष्ट्र को दिल्ली के सामने झुकाने वाला प्रयत्न है. बजट में किसान, महिला वर्ग, युवाओं सभी को निराश कर दिया है. महाराष्ट्र से वेदांता-फोक्सकान, एयरबस प्रकल्प गुजरात ले जाए गए. वित्तीय केंद्र उधर ले जाए जा रहे हैं. फिर भी कोई कुछ नहीं कर रहा.

 

 

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