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‘सुपर’ में 60 बेड की प्रक्रिया प्रस्तावित
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आदिवासी बहुल क्षेत्रों पर ध्यान देना जरूरी
अमरावती/दि.29 – कोविड संक्रमण की तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, ऐसी आशंका विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा व्यक्त की गई है. ऐसे में संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने हेतु बडे पैमाने पर बालरोग विशेषज्ञों की जरूरत पडेगी. किंतु जिले के सरकारी अस्पतालों में बालरोग विशेषज्ञों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, कोविड संक्रमण की तिसरी लहर को कैसे रोका जायेगा और इस संक्रमण की चपेट में आनेवाले बच्चों को कैसे बचाया जायेगा.
बता दें कि, अमरावती जिले में जिला सामान्य अस्पताल, जिला स्त्री अस्पताल व चार उपजिला अस्पताल है. जहां पर बालरोग विभाग है. इस हेतु इर्विन अस्पताल में 4 तथा अचलपुर, दर्यापुर, मोर्शी, वरूड व धारणी के उपजिला अस्पताल में एक-एक बालरोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) अंतर्गत 26 में से 23 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. जिसमें से एनएचएम, एसएनसीयू व एनआयसीएच अंतर्गत 9 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. किंतु जिले के 59 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बालरोग विशेषज्ञ के पद ही नहीं है. ऐसे में यदि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आती है और आशंका के मुताबिक बडे पैमाने पर छोटे बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आते है, तो इन स्वास्थ्य केंद्रों पर बालरोग विशेषज्ञों के बिना छोटे बच्चों का इलाज कैसे होगा, यह सबसे बडा सवाल है. ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र को देखते हुए जिले में बालरोग विशेषज्ञों की संख्या बेहद अत्यल्प है. साथ ही कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के लिए फिलहाल उपलब्ध मानव संसाधन भी कम पड सकता है.
जिले में 519 आयसीयू व 685 ऑक्सिजन बेड
जिले के कोविड अस्पतालोें में 519 आयसीयू तथा 685 ऑक्सिजन बेड है. साथ ही जनरल बेड की संख्या 525 है. इसके अलावा कोविड केयर सेंटरों में 1 हजार 315 बेड की व्यवस्था है. जिसमें से 959 बेड रिक्त है. साथ ही सुपर स्पेशालीटी के कोविड सेंटर में कुल 2 हजार 515 बेड में से 1 हजार 347 बेड रिक्त रहने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है.
बॉक्स, सेटिंग देखें
जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र – 59
बाल रोग विशेषज्ञ – 00
जिला, स्त्री व उपजिला अस्पताल – 07
बाल रोग विशेषज्ञ – 14
निजी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल – 01
बाल रोग विशेषज्ञ – 15
तहसील स्तर पर 10 बेड का नियोजन
– कोविड की पहली व दूसरी लहर के दौरान जिले में लगभग 400 बच्चे कोविड संक्रमण की चपेट में आये. वहीं अब तीसरी लहर को छोटे बच्चों के लिए खतरनाक बताया जा रहा है. इसके मद्देनजर अब सभी तहसीलों में 10-10 बेड का नियोजन किया जा रहा है, ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सुत्रों द्वारा दी गई है.
– ऑक्सिजन की मांग को ध्यान में रखते हुए जिलास्तर पर ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट स्थापित किया गया है. इसके अलावा अतिरिक्त व्यवस्था भी तैयार की गई है. साथ ही तहसीलों में स्थित उपजिला अस्पतालों में ऑक्सिजन निर्मिती प्लांट स्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है. जहां से अतिरिक्त ऑक्सिजन रहने पर उसे अन्य स्थानोें पर भेजने की भी व्यवस्था होगी.
पीडीएमसी में 90 बेड की व्यवस्था
डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मृति मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के बालरोग विभाग में कुल 90 बेड की व्यवस्था की गई है. जिसके तहत एनआयसीयू में 17 बेड व पीआयसीयू में 10 बेड की व्यवस्था है. साथ ही यहां पर बालरोग विशेषज्ञों सहित मेडिकल स्टाफ की भी भरपूर संख्या है. ऐसी जानकारी पीडीएमसी के अधिष्ठाता डॉ. अनिल देशमुख द्वारा दी गई है.
ऑक्सिजन भरपूर प्रमाण में उपलब्ध
– लगातार चल रही बैठकें, डॉक्टरों को दिए जा रहे निर्देश
जिला सामान्य अस्पताल द्वारा सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में छोटे बच्चों के इलाज हेतु 60 बेड का नियोजन किया गया है. इसके अलावा तहसील स्तर पर 10-10 बेड आरक्षित किये जायेंगे. फिलहाल बेड की तुलना में स्वास्थ्य महकमे के पास कुशल व प्रशिक्षित मनुष्यबल की कमी है. ऐसे में जरूरत पडने पर अन्य स्थानोें से बालरोग विशेषज्ञों को बुलाया जायेगा.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक, अमरावती.
संक्रमितों में छोटे बच्चों की संख्या
अब तक पाये गये कुल संक्रमित – 91,026
कोविड मुक्त हो चुके मरीज – 83,308
एक्टिव पॉजीटीव मरीज – 6,291
10 वर्ष से कम आयुवाले संक्रमित बच्चे – 100
11 से 18 वर्ष आयुगुटवाले संक्रमित बच्चे – 300