अमरावतीविदर्भ

कितने लोगों के शरीर में एंटीबॉडी हुई तैयार

इसे जांचने के लिए होगा सीरो सर्वेक्षण

प्रतिनिधि/दि.१३

अमरावती – महापालिका क्षेत्र में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. फिलहाल संक्रमितों की संख्या २४०० के करीब पहुंचने वाली है. इसके मद्देनजर कोरोना का संसर्ग हुए और नहीं हुए लोगों का प्रमाण पता लगाने के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना चलाना जरुरी है. कोरोना को रोकने के लिए एंटीबॉडी कितने लोगों के शरीर में तैयार हुई है, इसका पता लगाने के लिए सिरो सर्वेक्षण किया जाएगा. इस बारे में पत्र राज्य के स्वास्थ्य प्रशासन को दिया है. अमरावती जिले में ४ अप्रैल को कोरोना का पहला मरीज दर्ज किया गया. ४ महीने में ग्रामीण तथा शहर मिलाकर संक्रमित मरीजों की संख्या ३१०० से अधिक पहंच गई है. शहर में ही २४०० से अधिक मरीज है. कोरोना का संसर्ग होने के बाद १५ दिनों के बाद बीमारी के आयजीएम तथा आयजीजी एंटीबॉडी संबंधित व्यक्ति के शरीर में तैयार होती है. संक्रमण से ठीक होने के बाद कई महिने तक यह टिकती है. इससे इस बारे में जांच करने के लिए एसएआरएस-सीओवी-२ का संक्रमण होने वाले तथा इससे बचे लोगों का सर्वेक्षण सेरो सर्वेक्षण के माध्यम से किया जाएगा. विदर्भ में वर्धा चंद्रपुर जैसे हॉटस्पॉट नहीं रहने वाले शहरों में सर्वेक्षण की शुरुआत हुई है. अमरावती में जिला तथा शहर स्वास्थ्य यंत्रणा को भी संचालक ने पत्र भेजकर सूचना दी है. आयसीएमआर से भी इस बारे में निर्देश स्वास्थ्य यंत्रणा को प्राप्त हुआ है. इसमें विभाग द्वारा प्रमाणित की गई कीट का उपयोग सेरो सर्वेक्षण में ही करने का निर्देश दिया गया है. मिला है संचालक का पत्र इस बारे में महानगर पालिका आयुक्त प्रशांत रोडे ने बताया कि सेरो सर्वेक्षण के बारे में स्वास्थ्य संचालक का पत्र प्राप्त हुआ है. इसकी जानकारी लेने के बाद महापालिका क्षेत्र में नियोजन किया जाएगा. तभी कर सकेंगे सर्वेक्षण इस मामले में जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने बताया कि, स्वास्थ्य विभाग की सहमति के बाद ही इस बारे में सर्वेक्षण किया जा सकेगा. इस संदर्भ में सरकार के क्या-दिशा निर्देश है, इसकी जानकारी लेने के बाद समुचित कदम उठाने की जानकारी जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने दी. आईएमसीआर को रिपोर्ट देना अनिवार्य इस बीच जो संस्था इस तरह का सर्वेक्षण करेगी, उन्हें भारतीय बैठक रिसर्च काउंसिल को रिपोर्ट देना अनिवार्य रहेगा. इस सर्वेक्षण के लिए जिला शल्य चिकित्सक पर नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी डाली गई है. लेकिन वे अनुकूल नहीं है. लेकिन सर्वेक्षण के लिए इच्छूक संस्था को आयजीएम तथा आयजीजी एंटीबॉडी जांच करने के लिए इलाजया टेस्ट करने वाली निजी और सरकारी संस्था को जिला शल्य चिकित्सक के पास आवेदन करना होगा.

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