अमरावती

कोरोना कालावधि में कितने निजी डॉक्टरों की हुई मृत्यु

बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगी जानकारी

  • आयुर्वेदिक डॉ. की पत्नी सुरगाडे ने मुआवजे के लिए दायर की याचिका

अमरावती प्रतिनिधि/दि.९ – बॉम्बे उच्चन्यायालय ने केंद्र सरकार से ऐसे डॉक्टरों के बारे में जानकारी मांगी है कि कोरोना महामारी के दौरान कितने निजी डॉक्टरों ने अपने क्लिनिक ओपन किये थे और मरीजों का इलाज करते वक्त कितने डॉक्टरों ने कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गवाई है. उच्च न्यायालय ने कहा कि सरकार डॉक्टरों की यह जानकारी बीमा कंपनियों से प्राप्त कर अदालत में पेश करें. इतना ही नहीं तो अदालत ने केंद्र सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या निजी अस्पताल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के दायरे में आते हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत कोरोना के कारण जान गंवाने वाले डॉक्टरों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान है. न्यायमूर्ति एस.जे.काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने यह निर्देश कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले निजी डॉक्टर की विधवा पत्नी किरण सुरगाडे की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के पश्चात दिया है.
याचिका में सुरगाडे ने दावा किया है कि उसके पति आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. नवी मुंबई परिसर में उनका निजी दवाखाना था. कोरोना संक्रमण के कारण उसके पति ने अपना क्लीनिक बंद कर दिया था. परंतु इस बीच 31 मार्च 2020 को नवी मुंबई महापालिका के आयुक्त ने उन्हें एक नोटिस जारी किया, जिसमें उसके पति को क्लीनिक खोलने के निर्देश दिया गया था. नोटिस में कहा गया था कि यदि वे क्लीनिक नहीं खोलते हैं तो उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. याचिका के अनुसार इस नोटिस के बाद याचिकाकर्ता के पति ने अपना क्लीनिक खोला था. इस बीच वे मरीजों के इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आये और वे भी कोरोना से बाधित हो गए और इसी के चलते उनकी मृत्यु हो गई.
पति की मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता ने नवी मुंबई मनपा प्रशासन के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की थी. परंतु नवी मुंबई महानगर पालिका व न्यू इंडिया इंश्यूरस कंपनी ने याचिकाकर्ता की इस मांग को यह कहकर ठुकरा दिया कि उसके पति ऐसे किसी अस्पताल के डॉक्टर नहीं थे, जिससे उनके पति को कोरोना मरीज का इलाज के लिए निर्धारित किया गया था. मनपा के इस फैसल के बाद सुरगाडे ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और मांग की गई कि उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत 50 लाख रुपए मुआवजे के रुप दिये जाने के निर्देश जारी किये जाए. सुनवाई के पश्चात खंडपीठ ने केंद्र सरकार से जानना चाहा है कि क्या निजी अस्पताल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के दायरे में आते हैं. खंडपीठ ने केंद्र सरकार को इस बारे में हलफनामा भी दायर करने के निर्देश दिये है. इस मामले की सुनवाई 13 जनवरी 2021 को होगी.

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