इस बार प्रदेश में कितनी बहनों को मिलेगा विधायक बनने का मौका..!
2029 में मिल सकता है 33 प्रतिशत आरक्षण
* 2019 में 24 महिलाएं चुनी गई थी विधानसभा पर
अमरावती/दि.19- 2019 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 24 महिलाएं विधानसभा पर चुनी गई थी. 288 सदस्यीय सदन में केवल 7 प्रतिशत विधायक महिलाएं थी. उसमें भी आधी अर्थात 12 महिला विधायक भाजपा की, 5 कांग्रेस की, राकांपा की 3, शिवसेना की 2 और दो ही निर्दलीय महिलाएं चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची थी.
संसद में पिछले वर्ष पारित कानून के अनुसार 2029 के चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लोकसभा एवं विधानसभा मेें रहेगा. जिससे महाराष्ट्र में 95 महिलाओं को विधायक बनने का अवसर मिलेगा. जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो अभी तो सवाल उठता हैं कि कितने राजनितीक दल कितनी महिलाओं को अवसर देने वाले हैं.
2019 में यह महिलाएं रही विजेता
कांग्रेस- सुलभा खोडके (अमरावती), यशोमती ठाकुर (तिवसा), प्रतिभा धानोरकर (वरोरा), प्रणिती शिंदे (सोलापुर मध्य), वर्षा गायकवाड (धारावी).
भाजपा- सीमा हीरे(नाशिक पश्चिम), विद्या ठाकुर (गोरेगांव), भारती लवेकर (वर्सोवा), मुक्ता तिलक (कस्बा पेठ), मंदा महात्रे (बेलापुर), माधुरी मिसाल (पर्वती पुणे), देवयानी फरंदे (नाशिक मध्य), मोनिका राजले (शेवगांव), स्वेता माहाले (चिखली), नमिता मुंदडा (केज), मेघना बोर्डिकर(जिंतुर), मनीषा चौधरी (दहीसर).
राकांपा- अदिती तटकरे (श्रीवर्धन), सुमन पाटील (तासगांव), सरोज अहिरे (देवलाली).
शिवसेना- लता सोनवने (चोपडा), यामिनी जाधव (भायखला).
निर्दलीय- गीता जैन (मीरा भायंदर), मंजुला गावित (साकरी).
यह महिलाएं जीत गई लोकसभा
विधायक महिलाओं में वर्षा गायकवाड, प्रणिती शिंदे और प्रतिभा धानोरकर ने इस वर्ष लोकसभा जीता हैं. यामिनी जाधव दक्षिण मुंबई से चुनाव लडा था, किंतु उन्हें सफलता नहीं मिली. पिछली बार 24 महिलाएं विधायक बनी. यह महाराष्ट्र में अब तक का सबसे बडा आंकडा हैं.
महिलाओं को मिला अवसर
1962 -10
1967-09
1972-05
1978-08
1980-19
1985-16
1990-06
1995-11
1999-12
2004-12
2009-11
2014-20
2019-24
बॉक्स
महिलाएं भुनाती है अवसर
तिवसा की कांग्रेस विधायक यशोमती ठाकुर ने कहा कि केवल 7 प्रतिशत महिलाएं विधानसभा में हैं. यह महाराष्ट्र जैसे प्रांत के लिए बहुत शोभायमान नहीं हैं. महिलाओं को अवसर मिलने पर वे संधी का सोना करती हैं, यह बात अनेक अवसरों पर सिध्द हो चुकी हैं. चुनकर आने की क्षमता रहने पर भी महिलाओं को दरकिनार किया जाता हैं तो यह अन्याय कारक होगा.
वर्षो से कार्यरत को दें अवसर
विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने स्पष्ट कहा कि राजकीय घरानों से संबंधित महिलाओं की बजाए पार्टी हेतु वर्षो से कार्यरत महिलाओं को उम्मीदवारी दी जानी चाहिए. लोकसभा, विधानसभा राज्य सभा और विधान परिषद में भी महिलाओं हेतु 33 प्रतिशत आरक्षण रहना चाहिए.