अमरावती

कारखानों में कितने सुरक्षित हैं कामगार

सुरक्षा किट्स भी उपलब्ध नहीं

* कभी भी हादसा घटित होेने की संभावना
* प्रशासन व कामगार आयुक्त की अनदेखी
अमरावती/दि.24 – अधिकांश कारखानों में काम करने वाले कामगारों व मजदूरों को अपनी जान की जोखिम उठाकर काम करना पडता है. क्योंकि कंपनी प्रशासन द्बारा अपने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर बेहद कम ध्यान दिया जाता है. अधिकांश कंपनियों द्बारा जोखिम भरे कामों के लिए अपने कामगारों को सुरक्षा किट सहित सुरक्षा हेतु आवश्यक साधन ही उपलब्ध नहीं कराए जाते है. जिसके चलते मजदूरों के साथ कभी भी किसी भी तरह का हादसा घटित होने की संभावना बनी रहती है. लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन एवं कामगार आयुक्त कार्यालय द्बारा इस ओर अनदेखी की जाती है.
उल्लेखनीय है कि, शहर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कई कारखानों में इससे पहले आग लगने की घटनाएं घटित होने के साथ ही कई तरह की दुर्घटनाएं भी घटित हुई. जिनमें कुछ कामगारों व मजदूरों की मौते भी हुई है. परंतु इसके साथ ही यह तथ्य भी सामने आया कि, कई कंपनियों में कामगारों को बीमा कवच ही नहीं होता. ऐसे समय किसी हादसे में कामगार की मौत होने पर उसका परिवार बेसहारा हो जाता है. ऐसे समय खुद कामगारों व मजदूरों को ही कारखानों में काम करते समय अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क व सावधान रहना पडता है. उल्लेखनीय है कि, नांदगांव पेठ के औद्योगिक क्षेत्र में बडे पैमाने पर कामगार काम करते है. जिनकी सुरक्षा को निश्चित किया जाना बेहद जरुरी है.

* कामगार कल्याण विभाग का कितना ध्यान
सरकार द्बारा कामगार विभाग के जरिए कामगारों को सुरक्षा संबंधी उपायो के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना जरुरी होता है. लेकिन इसके बावजूद कई इमारतों व सडकों के निर्माण में काम करने वाले मजदूरों सहित कारखानों में काम करने वाले कामगार सुरक्षा किट्स का प्रयोग किए बिना ही काम करते दिखाई देते है. जिसे लेकर कामगार संगठनों द्बारा संबंधित प्रशासन को जवाब पूछा जाना चाहिए.

* कामगारों की ओर की जाती है अनदेखी
जिले के विभिन्न कारखानों में काम करते समय कई बार दुर्घटनाएं घटित होती है. जिनमें घायल होने वाले कामगारों की संख्या अच्छी खासी है. जिसमें से कई कामगार तो गंभीर रुप से घायल होकर स्थायी तौर पर अपंगत्व का शिकार भी हुए है और आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के चलते अपना समूचित इलाज करवाने में असमर्थ भी साबित होते है, ऐसे समय बीमा सुरक्षा कवच नहीं रहने के चलते उन्हें कहीं से कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं होती. वहीं कंपनी प्रशासन व कारखाना प्रबंधन द्बारा भी ऐसे समय अपनी जिम्मेदारियों से हाथ झटक लिया जाता है.

* सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं
कई बार खुद कामगार भी अपने कार्यस्थल पर सुरक्षा के साधनों का प्रयोग करने को लेकर लापरवाही दिखाते है. जिसके तहत आवश्यकता रहने वाले स्थानों पर पैर में गमबुट व हाथों में हैंडग्लब्स का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसके अलावा आग लगने पर आग को नियंत्रण में लाने की व्यवस्था व प्रशिक्षण का नितांत अभाव होता है. ऐसे में काम करने वाले कामागारों सहित कंपनी के मालिक व कारखाने के प्रबंधक द्बारा सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.

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