अमरावती

कितना सुरक्षित है एसटी बसों से यात्रा करना?

ब्रेक फेल व स्टेअरिंग लॉक की घटनाएं बढी

अमरावती/दि.1 – सुरक्षित यात्रा के लिए आम तौर पर लोगबाग राज्य परिवहन निगम की लालपरी यानि एसटी बसों को पसंद करते है. लेकिन इन दिनों एसटी बसों के साथ हादसे घटित होने का प्रमाण बढ गया. विगत एक वर्ष के दौरान हादसे में हुई वृद्धि के चलते जहां एक ओर महामंडल की प्रतिमा मलीन हो रही है. वहीं दूसरी ओर ऐसे हादसों की वजह से यात्रियों की मौत होने अथवा यात्रियों के घायल होने के मामले भी बढ रहे है.
बता दें कि, वर्ष 2021 में 10 छोटे, 11 गंभीर व 2 प्राणांतिक ऐसे 23 हादसे घटित हुए. वहीं वर्ष 2022 के दौरान प्राणांतिक हादसों की संख्या 7 रही. इसके अलावा 10 छोटे व 21 गंभीर हादसे घटित हुए. यानि गंभीर व प्राणांतिक हादसों की संख्या में इजाफा हुआ. इन सभी बातों के लिए तकनीकी दोष को कारणीभूत बताया जाता है. इसके अलावा कुछ चालकों द्बारा तेज रफ्तार से बस चलाए जाने की वजह से भी हादसे घटित होेने की बात कहीं जाती है. ऐसी तमाम बातों का नियंत्रण प्रात्र करने हेतु महामंडल द्बारा प्रयास किया जाता है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, यद्यति इस बार गत वर्ष की तुलना में सडक हादसों की संख्या बढी है. लेकिन इसमें से कई हादसे सामने से आ रहे तेज रफ्तार वाहन की वजह से भी घटित होने की बात सामने आयी है.
61 हादसों में 32 गंभीर
अमरावती विभाग अंतर्गत 8 आगारों में विगत 2 वर्षों के दौरान एसटी बसों के 61 हादसे घटित हुए. जिसमें 9 प्राणांकित, 32 गंभीर व 20 छोटे-मोटे हादसों का समावेश है.
सन 2021 की तुलना में बडे हादसे
रापनि के अमरावती विभाग अंतर्गत वर्ष 2021 की तुलना में इस वर्ष घटित हादसों की संख्या एक दर्जन से अधिक रही. इसमें सामने से आ रहे तेज रफ्तार वाहन द्बारा टक्कर मार दिए जाने अथवा टायर फूट जाने की वजह से हादसे घटित होने जैसी वजहों का भी समावेश रहा.
शिवशाही के हादसे अधिक
अमरावती विभाग अंतर्गत विगत 2 वर्ष के दौरान राष्ट्रीय व राज्य महामार्ग पर शिवशाही बसों के साथ 6 हादसे घटित हुए. सडकों पर वाहनों की बढी हुई भीड, वाहन की तेज रफ्तार, बस चालक की लापरवाही, बस चलाते समय मोबाइल पर बात करने जैसी वजहों के चलते यह हादसे घटित होने की जानकारी सामने आयी है.
चालक पर होती है कार्रवाई
छिटपूट का हादसा घटित होने पर चालक को तीन दिन अथवा गंभीर स्वरुप का हादसा घटित होने पर 15 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अलावा वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने तथा जरुरत पडने पर निलंबित करने की कार्रवाई भी की जाती है.
एसटी बसों से यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है और यहीं रापनि का ब्रिद वाक्य भी है. जिसके लिए रापनि प्रशासन द्बारा तमाम आवश्यक कदम उठाए जाते है. यदि इसके बावजूद कोई सडक हादसा घटित होता है, तो उसमें दोषसिद्धता को जांचा जाता है और दोषसिद्ध होने पर अपघात के स्वरुपानुसार प्रशिक्षण सहित वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने तथा जरुरत पडने पर चालक को निलंबित करने जैसी कार्रवाई की जाती है.
– नीलेश बेलसरे,
विभाग नियंत्रक,
रापनि, अमरावती.

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