अमरावती

महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण की सुविधा कैसे हो ग्रामपंचायत में?

अंगणवाडी केंद्रों पर लटक रहे ताले, अंगणवाडी सेविकाओं की चल रही हडताल

* गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं एवं बच्चों के टीकाकरण का काम लटका

अमरावती /दि.20– इस समय अंगणवाडी सेविकाओं व सहायिकाओं द्वारा अनिश्चितकालीन हडताल की जा रही है. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं सहित बच्चों के टीकाकरण का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. यद्यपि इस हडताल को देखते हुए गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं तथा किशोरवयीन लडकियों के टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच हेतु ग्रामपंचायतों में सुविधा उपलब्ध कराई गई है. परंतु ग्रापं कार्यालय में पूरे दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है. जिसके चलते वहां पर स्वास्थ्य जांच व टीकाकरण हेतु आने में महिलाओं व किशोरवयीन लडकियों को संकोच होता है. ऐसे में अंगणवाडी केंद्रों के ताले खोले जाने की मांग ग्रामीण क्षेत्रों में जोर पकड रही है.

बता दें कि, अंगणवाडियों में पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, संदर्भ सेवा, अनौपचारिक पूर्व प्राथमिक शिक्षाक, स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा जैसे उपक्रम चलाये जाते है. 0 से 6 वर्ष के आयु गुट वाले बच्चे, नवप्रसूता व गर्भवती महिलाएं तथा 15 से 45 वर्ष आयु गुट वाली किशोरवयीन लडकियां व महिलाएं एकात्मिक बालविकास योजना में समाविष्ट उपक्रम की लाभार्थी होते है. इस समय पूरे राज्य में अंगणवाडी केंद्रों की सेविकाओं व सहायिकाओं की हडताल चल रही है. साथ ही आशा व स्वास्थ्य सेविकाओं व ठेका नियुक्त डॉक्टरों ने भी अपना काम बंद रखा है. ऐसे में विगत 4 दिसंबर से सभी अंगणवाडी केंद्रों पर ताला लगा हुआ है. जिन्हें स्वास्थ्य विभाग के लिए टीकाकरण हेतु भी नहीं खोला जा रहा. ऐसे में ग्रामपंचायतों ने अपनी खुद की इमारतों में टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच हेतु जगह उपलब्ध कराई है. परंतु ग्रापं कार्यालयों में पूरा समय लोगों का आना-जाना चलता रहता है. जहां पर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच में संकोच जैसी दिक्कत आती है और महिलाओं को असुविधाओं का सामना करना पडता है. ऐसे में हडताल जारी रहने के बावजूद भी अंगणवाडी केंद्रों की इमारतों पर लगे तालों को खोले जाने और वहीं पर टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच का काम करने की मांग जोर पकड रही है. इस संदर्भ में बालविकास प्रकल्प के अधिकारियों द्वारा अंगणवाडी सेविकाओं के नाम पत्र भी जारी किया गया है. परंतु इस पत्र की अंगणवाडी सेविकाओं की ओर से अनदेखी कर दी गई है. जिसकी वजह से समस्या जस की तस बनी हुई है.

Related Articles

Back to top button